सकरेली आरओबी का भी मंथर गति से चल रहा काम हाल ही में निर्मित 265 करोड़ की सड़क में जगह-जगह बेरिकेडिंग के अलावा कांटे रखे गए हैं। जिसे पार करना किसी मुसीबतों से कम नहीं है। नई सड़क में एक नहीं कई स्थानों में इस तरह की दिक्कतें हैं। खासकर पीथमपुर पुल पहली बारिश में ही काफी जर्जर हो चुकी है। जिसे पार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि पुल के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से जर्जर है। इससे आए दिन वहां दुर्घटना होती है।
गौरतलब है कि एनएच-49 सड़क की सूरत हैंडओवर होने से पहले ही बिगड़ते जा रही है। एक तो सड़क जर्जर हो चुकी है। तो वहीं दूसरी ओर सड़क धंसने लगी है। भारी वाहनों के चलते दिन ब दिन जर्जर होते जा रही है। इससे छोटे वाहन चालकों को इस रूट में चलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एनएच 49 सड़क जब बनी तो लोगों को उम्मीद थी कि एक सर्वसुविधा युक्त सड़क मिलेगी, लेकिन इस सड़क में भी लोगों को आवागमन करने में सुविधा नहीं मिल रही है। क्योंकि सड़क उखड़ने से धूल भरी सड़क बनकर रह गई है।
24 करोड़ की पेनाल्टी फिर भी नहीं चेते इस सड़क की क्वालिटी इतनी घटिया है कि ठेकेदार को 24 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लग चुकी है। बावजूद ठेकेदार सड़क में लीपापोती कर रहा है। जगह-जगह सड़क में दरारें पड़ गई है। जिसमें मरम्मत की लेप लगाई जा रही है। तो वहीं अब सड़क क्रेक होने के बजाए धंसने लगी है। जिससे गुजरना मुश्किलों भरा सफर साबित हो रहा है। खराब सड़क को कांटे से ढंका जा रहा है।
सकरेली फाटक पर टिकी निगाहें इन दिनों ठेकेदार का पूरा फोकस सकरेली फाटक को पूरा करने में लगा हुआ है। क्योंकि सकरेली फाटक में आरओबी का काम चल रहा है। आरओबी निर्माण कार्य को पूरा करने का समय कब का बीत चुका है। फिर भी काम अधूरा पड़ा है। सक्ती कलेक्टर ने ठेकेदार को फटकार लगाते हुए आरओबी को तीन माह में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। जिसे देखते हुए ठेकेदार इन दिनों सकरेली फाटक में ही डटा हुआ है।
इसलिए नहीं लिया हैंडओवर एनएच 49 के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस सड़क को अब तक हैंडओवर नहीं लिया है। जबकि इस सड़क में बीते डेढ़ साल से आवागमन शुरू हो चुका है। अब विभाग ने इस सड़क पर और भी पैनी नजर रखी हुई है। जहां-जहां भी सड़क उखड़ रही है उसे मरम्मत करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं ठेकेदार सड़क की मरम्मत भी करा रहा है।
सड़क जगह-जगह से धंस रही है। जिसे ठीक कराने के लिए ठेकेदार को बोला गया है। हैंडओवर होने के बाद ठेकेदार को चार साल तक परफार्मेंस गारंटी देना होती है, उसे चार साल तक सड़क की मरम्मत करनी होगी। – विजय साहू, सब इंजीनियर, एनएच 49