अगर कोई हादसा होता है तो देखते ही देखते स्थिति गंभीर हो जाएगी। जबकि पिछली बार एक दुकान में आग लग गई थी। फिर फायर सेफ्टी विभाग की गाइडलाइन केवल कागजों तक सीमित है, इसका वास्तविक पालन खुद फायर सेफ्टी विभाग नहीं कर पा रहा है। मैदान में एक फायर बिग्रेड तक नहीं है। हालांकि अग्निशमन यंत्र दुकानदार के पास मौजूद है, रेत और पानी की बल्टियां भी नहीं है।
पालिका प्रशासन ने पटाखे का अस्थायी बाजार लगाने के लिए हाईस्कूल मैदान 10 से 12 नवंबर तक अनुमति दी है। इसके लिए 43 दुकान सजकर तैयार हो गया है। इसके बकायदा नगरपालिका ने करीब 2500 रुपए का सभी व्यापारियों एनओसी भी ले ली है। पटाखा दुकानें लगाते समय पटाखा व्यापारियों ने दूरी का ध्यान तक नहीं रखा। गाइडलाइन के अनुसार 3 मीटर दूर तक एक-दूसरे दुकान को होना चाहिए। लेकिन सटकर लगाई गई हैं।
सुरक्षा मापदंड अनुसार दुकानों के बीच दो से तीन मीटर की दूरी होनी चाहिए। दुकानों के बाहर अग्निशमन यंत्र रखे हुए हैं, लेकिन यह सभी चालू स्थिति में है या शो-पीस इसकी जांच कौन करेगा यह तय नहीं है। व्यापारियों ने पटाखा दुकान तो लगा लिया, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा। पटाखा बाजार में व्यापारी अपनी सुरक्षा खुद तय कर रहे हैं। पटाखा दुकान दूसरे दिन भी व्यापारियों ने अपने कारोबार शुरू कर दिए हैं।
यहां सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा गया है। मौके पर शुक्रवार की शाम तक फायर बिग्रेड भी नहीं पहुंचा था। फायर बिग्रेड होने से किसी अनहोनी पर तत्काल एक्शन लिया जा सके। पत्रिका की टीम जब हाईस्कूल मैदान शाम को पहुंची तो दुकानदारों ने बताया कि सभी से फीस तो लिया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ व्यवस्था नहीं की गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि बाजार जहां लग रहा है, वहां आसपास घनी आबादी का क्षेत्र है।
यह गाइडलाइन और हो रही इसकी अनदेखी पटाखा दुकान के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन यहां सभी दुकानें सटी हुई है। आपात स्थिति से निपटने पुख्ता इंतजाम जरूरी, पर न दमकल गाड़ी, रेत से भरी बाल्टी भी नहीं है। पिछले साल के मुकाबले इस बार दुकानें कम लगी है। इस बार दुकानदारों ने टिनशेड की कतारबद्ध दुकानें बनाई है। इससे आपात कालिन समय में समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। सभी व्यापारी भगवान भरोसे बैठे हैं।