पामगढ़ पुलिस के अनुसार मनोज कुमार नट पिता महेत्तर पट 40 वर्ष गूंगा-बहरा दोनों है। वह गांव में भिक्षा मांगकर अपना परिवार का पेट पाल रहा था। उसकी पहली पत्नी का निधन हो गया फिर दूसरी पत्नी भी लाया वह भी दिव्यांग है। दोनों पत्नियों की तरफ से उसके तीन बच्चे हैं। वह शुक्रवार की रात को घर से निकला था। सुबह उसका शव गांव के खोखिया तालाब के पास शव पड़ा मिला। उसकी
गला रेतकर हत्या की गई है। उसके सिर में भी चोट के निशान है। पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से हत्या के गंभीर मामले में जांच करने जुटी है।
बच्चे भी दिव्यांग
नियति ने मनोज के साथ भद्दा मजाक किया है। पहले तो वह गूंगा-बहरा है। उसकी पत्नी भी गूंगी बहरी है। साथ ही उसके दो बच्चे हुए वह भी गूंगे-बहरे हैं। अब पुलिस उसके बयान भी दर्ज नहीं कर पा रही है क्योंकि घर का कोई सदस्य बोल नहीं सकता। इससे हत्या का सुराग लगाना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दरअसल, पुलिस परिजनों के बयान के आधार पर बयान दर्ज करती है और संदेहियों का पता तलाश कर पाती है। लेकिन अब पुलिस बेबस नजर आ रही। आसपास के लोगों से बयान दर्ज कराकर संदेहियों की तलाश करेगी।