घटना वर्ष 2019 की है, प्रार्थी धनीराम बंजारे निवासी
जांजगीर को घर में शांति पूजा कराने के लिए मंगलू पटेल की जानकारी हुई तो प्रार्थी द्वारा मंगलू पटेल को अपने दीप्ति विहार कालोनी जांजगीर स्थित घर में शांति पूजा कराने आमंत्रित किया। 15 फरवरी 2019 को मंगलू पटेल अपनी पत्नी जानकी एवं शेष साथी आरोपी सुनील पटेल व दिलेश्वर गोस्वामी के साथ प्रार्थी के घर आया जहां प्रार्थी धनीराम सपत्निक उपस्थित था।
प्रार्थी के घर पर आरोपीगण द्वारा पहले सारा घर का मुआयना किया गया और घर के अलग-अलग स्थान पर बनावटी पूजा कर अंत में प्रार्थी से कहा कि आपके घर में धन रुकावट का दोष है। इसलिए घर में जितना भी नकद रकम है उसको बाहर निकलवा कर शयन कक्ष के दीवान में रखवाया और स्वयं उस कक्ष में पूजा करने के बहाने रुककर प्रार्थी व उसकी पत्नी को बाहर जाने कहकर दरवाजा बंदकर कुछ देर बाद बाहर आए और बोले कि कुछ दिन इस कक्ष को बंद रखना सब ठीक हो जाएगा और चले गए।
आरोपीगण द्वारा शयनकक्ष को कुछ दिन बंद रखने वाली बात कही जाने पर प्रार्थी को शंका होने पर उसके द्वारा उस कक्ष का दरवाजा खोल कर दीवान में रखे 5 लाख रुपए चेक करने पर रकम वहां होना नहीं पाया। प्रार्थी ने मामले की रिपोर्ट जांजगीर में दर्ज कराई। आरोपीगण के विरुद्ध अंतर्गत धारा 380,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
आरोपियों से बरामद हो गई राशि
विवेचना दौरान आरोपीगण की पातासाजी कर उनके कब्जे से चोरीशुदा रकम बरामद की गई और शेष विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में गवाहों के परीक्षण प्रतिपरीक्षण बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर सीमा कंवर ने आरोपी मंगलू पटेल, उसकी पत्नी जानकी बाई निवासी ग्राम सेंद्रीपाली थाना खरसिया, सुनील पटेल निवासी ग्राम सरजुनी थाना सक्ती व दिलेश्वर गोस्वामी निवासी ग्राम मुक्ता थाना जैजैपुर सभी को मिलकर प्रार्थी के रहवासी मकान से 5 लाख रुपए नकद चोरी करने का दोषी पाते हुए सभी आरोपीगण को पृथक-पृथक धारा 380 भादवि में 3-3 वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर पृथक से कारावास का आदेश दिया। शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल द्वारा पैरवी की।