दस-दस हजार रुपए चंदा देने का किया वादा
गार्डन में वाई-फाई जोन बनाने व आवश्यक विकास के लिए नगरपालिका नगरपालिका को तकरीबन छह लाख रुपए खर्च की स्टीमेट बनाई थी, जिसके लिए प्रत्येक पार्षदों से दस-दस हजार रुपए पार्षद निधि से चंदा लेना था। यदि पूरे पार्षद इतने रकम का चंदा देते हैं तो पार्षद व एल्डरमेन मिलाकर तकरीबन तीन लाख रुपए इक_ा होता। इसके अलावा नगरपालिका के विकास मद से तीन लाख रुपए मिलाकर छह लाख रुपए खर्च कर वाई-फाई जोन बनाना था, लेकिन योजना पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई।
उल्टे बना कबाड़ खाना
नगरपालिका का बीडीएम गार्डन दिन-ब-दिन कबाडख़ाना बनते जा रहा है। यहां की हरियाली व छटा बिखेरने केवल एक दिन ताम झाम किया जाता है। 23 जुलाई को बीडीएम के जन्म दिवस पर यहां कांग्रेसियों सहित लोगों की भीड़ जुटती है और शहर के लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं, लेकिन बीडीएम की बदहाली को देखकर उनका भी मोहभंग हो जाता है। यहां के कुर्सी के झूले सहित सारे संसाधन टूट चुके हैं, जिसके चलते बच्चे भी यहां नहीं पहुंच पाते।
फेल हुई योजना
शहर के बीडीएम गार्डन में वाई-फाई जोन बनाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन आर्थिक अभाव के चलते योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी- आशुतोष गोस्वामी, उपाध्यक्ष नपा जांजगीर नैला