बहेराडीह गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियाें ने उन्हें प्रदूषण से मुक्ति दिलाने, मुख्यमार्ग पर नियम विरुद्ध लगाए गए ट्रांसफार्मर को हटाने, फैक्ट्री में कार्यरत दर्जनों मजदूरों की सिलिकोसिस बीमारी से हुए मौत के जिम्मेदार फैक्ट्री मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मामला अब तक दर्ज न करा पाने, सिवनी सुखरीकला सड़क मार्ग पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाने, पर्यावरण विभाग का गलत कार्य में संरक्षण देने, श्रम विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योग के विरोध में ग्रामीणों के द्वारा लगातार किए जा रहे शिकायत पर संज्ञान नहीं लेने वाले और कभी विधानसभा में सवाल नहीं उठाने वाले को वोट नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा धान खरीदी केंद्र सिवनी से हटाकर धान खरीदी केंद्र कोसमंदा व चांपा तहसील से सारागांव में जोड़ देने के मामले से भी ग्रामीण आक्रोशित हैं।
विधानसभा में उठा था बहेराडीह का मुद्दा जिले के सक्ती विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बहेराडीह गांव में स्थापित उद्योग के विरोध कर रहे बहेराडीह गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनकी आवाज को उनके जनप्रतिनिधि ने तो नहीं उठाया लेकिन अन्य विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि ने इस मामले को विधानसभा में उठाया। इसका असर यह हुआ कि कुछ दिन के लिए इस फैक्ट्री को शासन ने सील कर दिया था। उसके बाद शासन और प्रशासन के अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण मिलने के बाद आज भी इस फैक्ट्री का नियम विरुद्ध संचालन जारी है और ग्रामीणों की प्रदूषण वाली समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते हैं ग्रामीण फैक्ट्री से रात में अधिक मात्रा में धुआं छोड़ा जाता है। घरों के छत, आंगन, पेड़ पौधों व तालाब के पानी में आसानी देखा जा सकता है। – रामबाई यादव, ग्रामीण
प्लांट के प्रदूषण से क्षेत्रीय सांसद और विधायक को कोई मतलब नहीं है। इस बार चुनाव में सोच समझकर ही वोट करेंगे। – फूल बाई गोंड़, उपसरपंच प्रदूषण व सड़क मार्ग पर भारी वाहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक कर चुके हैं। चक्काजाम भी किया गया था। – चंदा सरवन, उपसरपंच
प्रदूषण से आखिर हमारे गांव के ग्रामीणों को कब मुक्ति मिलेगी। शिकायत के बाद भी फैक्ट्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है। – पूरन सिंह गोंड़, ग्रामीण प्रदूषण व सड़क मार्ग पर भारी वाहन पर प्रतिबन्ध को लेकर शिकायत बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। बहेराडीह के ग्रामीण प्रदूषण से बहुत ही ज्यादा परेशान हैं। – ललिता यादव, ग्रामीण