गऱीबों के प्रधानमंत्री आवास पर पड़ रहा असर
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गऱीबों को प्रधानमंत्री आवास दिया जा रहा है। इसमें गऱीबों को एक छत प्राप्त हो सके, परन्तु उद्योगपतियों द्वारा बिना किसी नियम कानून के भवन सामग्री को दोगुना किया जा रहा है। इससे गऱीबों को इस महंगाई की मार सबसे ज़्यादा झेलनी पड़ रही है। ऐसे में गऱीबों को कैसे उनको आवास मिलेगा। गरीबों का आवास का सपना अधूरा रह जा रहा है। गिट्टी के दाम सुनकर मकान को पूरा नहीं कर पा रहे है।
खर्च 4 हजार वसूली 13 हजार रुपए
एक ट्रक पर 500 फीट या 20 टन गिट्टी लोड की जा सकती है। क्रेशर संघ का मानना है कि क्रशर खदान, लेबर और डीजल का खर्च जोड़ा जाए तो एक ट्रक गिट्टी 5 हजार रुपए से अधिक नहीं होती। यही गिट्टी अब 13 हजार रुपए में बेची जा रही है।
वर्जन
मांग और आपूर्ति के आधार पर रेत, गिट्टी आदि की कीमत तय होती है। बाजार में बेवजह रेट बढ़ाया जा रहा है तो इसकी जांच की जाएगी। गिट्टी खदान वाले मनमानी करेंगे तो कार्रवाई होगी।
हेमंत चेरपा, जिला खनिज अधिकारी
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