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Good News: राजस्थान का यह क्षेत्र भविष्य में बन सकता है वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, जंगली भालुओं का गढ़ है ये जगह

Sundha Mata Conservation Reserve Area: 2010 में भालू से आबाद क्षेत्र को घोषित किया गया था सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व एरिया

जालोरJan 21, 2025 / 03:54 pm

Rakesh Mishra

खुशालसिंह भाटी
Wildlife Sanctuary: सब कुछ ठीक रहता है तो राजस्थान के जालोर का जसवंतपुरा का सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व एरिया भविष्य में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में क्रमोन्नत हो जाएगा। इस अहम कवायद में सकारात्मक पक्ष यह है कि वन विभाग जालोर की ओर से 31 दिसंबर 2024 को इस अहम प्रोजेक्ट को फोरेस्ट मैनेजमेंट प्लान में शामिल किया गया है।
भेजे गए प्लान में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को लेकर अहम सुझाव शामिल किए गए है। प्रारंभिक स्तर पर सकारात्मक पक्ष यह भी है कि पिछले साल फोरेस्ट डिपार्टमेंट के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों ने भी जालोर जिले के इस क्षेत्र का विजिट किया था और उन्होंने यहां भालू समेत अन्य वन्य जीवों की उपलब्धता को लेकर इसे सेंचुरी क्षेत्र के लिए अनुकूल माना था। इसी आधार पर ही इसे मैनेजमेंट प्लाइन में शामिल किया गया है।

117 स्क्वायर किमी क्षेत्र में फैला है यह एरिया

सुंधा माता, जसवंतपुरा, जाविया समेत वन क्षेत्र से आच्छादित यह वन क्षेत्र 117 स्कवायर किमी दायरे में फैला हुआ है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो भालू के अलावा यहां मोर, बंदर, लोमड़ी, हरिण, बिज्जू समेत कई अन्य वन्य जीवों की भरमार है। वहीं वनस्पतीय औषधियों से भी यह वन क्षेत्र संपन्न है। जैव विविधता, वन्य जीवों की भरमार और यहां का संरक्षित क्षेत्र इसे सेंचुरी में क्रमोन्नति का मुख्य आधार है।

विकास के लिए महत्वपूर्ण पहल होगी

यह वन क्षेत्र 2010 में सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व एरिया में क्रमोन्नत हुआ। भविष्य में सेंचुरी में क्रमोन्नत होने पर इस क्षेत्र में वन्य जीवों के संरक्षण, अतिक्रमण रोकने, वन क्षेत्र विकास, पर्यटन विकास के लिए बड़े स्तर पर पहल हो सकेगी। सेंचुरी में क्रमोन्नत होने पर इस क्षेत्र के बहुआयामी विकास के लिए केवल राज्य सरकार से ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने भी बजट आवंटित होगा। ऐसे में यह भविष्य से जुड़ी अहम पहल है।

भालू का परिवार 14 साल में दोगुना हुआ

कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित होने के बाद भालू समेत अन्य वन्य जीव यहां संरक्षित है। 14 साल में यहां बेहतर हालात बने हैं। वर्ष 2010 के बाद लगातार भालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 2011 में 32, 2012 में 35, 2013 में 39, 2014 में 47, 2015 में 48, 2016 में 52, 2017 में 56, 2018 में 58, 2019 में 59, 2020 में 66 और 2021 में 74 भालु, 2022 में 74, जबकि 2024 की गणना में भालू 78 है। बता दें जालोर में भालू का विशेष महत्व है। सुंधा कंजर्वेशन रिजर्व एरिया जंगली भालू का केंद्र है और यह जंगली भालू जिले का शुभंकर भी है।
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इनका कहना

31 दिसंबर 2024 को भेजे गए फोरेस्ट मैनेजमेंट प्लान में सुंधा कंजर्वेशन रिजर्व एरिया को सेंचुरी में क्रमोन्नत का सुझाव भी शामिल है। यह क्षेत्र इसके लिए मानक पूरे कर रहा है। सेंचुरी में क्रमोन्नत होने पर क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ को ज्यादा बेहतर तरीके से संरक्षित किया जा सकेगा।
  • देवेंद्रसिंह भाटी, तत्कालीन उप वन संरक्षक
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