पिछले साल के सूखे ने ये किया नर्सरी का हाल
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पिछले साल के सूखे ने ये किया नर्सरी का हाल
भीनमाल. गत साल के सूखे की मार क्षेत्र को हरितिमा बनाने के सपने पर पड़ रही है। वन विभाग के दो नर्सरी पर इस बार गत साल के सूखे ने कुंडली मार दी है। वन विभाग की नर्सरी में पौधे भी पिछले साल के मुकाबले आधे ही तैयार हुए है। गत साल वन विभाग के जुंजाणी जोड़ व हातमताई नर्सरी में करीब 82 हजार के पौधे तैयार हुए थे, जबकि इस बार हातमताई नर्सरी में महज 45 हजार पौधे ही तैयार हुए है। मानसून से पूर्व लहलहाने वाले नर्सरी के बगीचे इस बार गिने-चुने पौधे की देखने को मिल रहे है। गत साल की कम बारिश के चलते जुंजाणी जोड़ नर्सरी में ट्यूबवैैल सूख गया है। इसके अलावा हातमताई नर्सरी में ट्यूबवैल का पानी खारा होने से पौधे अंकुरित नहीं हो पाए है। ऐसे में सूखे की मार के चलते मानसून के पूर्व लहलहाने वाली नर्सरियां विरान-सी दिख रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जुंजाणी नर्सरी में अधिक पौधे तैयार होते थे, लेकिन ट्यूवबैल सूख जाने सेे पौधे के सिंचाई की समस्या खड़ी हो गई। इसके अलावा हातमताई नर्सरी में पानी खारा अधिक होने से कई पौधे अंकुरित नहीं हो पाए। हातमताई नर्सरी में विभाग की ओर से विभिन्न मद में 45 हजार पौधे तैयार किए है। जिसेे बारिश के बाद वितरण करना शुरू होगा। गौरतलब है कि वन विभाग की नर्र्सरी में लोगों को रियायती दर पर पौधों का वितरण होता है। छायादार व फलदार पौधे 8 रुपए व कांटेदार पौधे 4 रुपए में वितरण किए जाएंगे।
यह पौधे हुए तैयार
वन विभाग के हातमताई नर्र्सरी में छायादार, फलदार, फूलदार व कांटेदार प्रजाति के विभिन्न पौधेे तैयार है। इसमें नीम 12 हजार 300, कर्जी 6 हजार 500, शीशम 2 हजार, प्लेटफार्र्मा एक हजार, अमरूद 1500, अनार 4 हजार, गुंदा 2 हजार, कणेर 2 हजार, गुलमोहर 2 हजार, बोगनवेल एक हजार, टोटलेस 3 हजार, जामुन एक हजार के पौधेे तैयार किए है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नर्सरी में पानी की गुणवत्ता बिगडऩे से नि?बु, रोहिड़ा, अरडु सहित कई पौधे अंकुरित नहीं हो पाए। इसके अलावा पौधे के सिंचाई की भी समस्या रहती है।
45 हजार पौधेे तैयार…
वन विभाग के हातमताई नर्सरी में इस बार 45 हजार पौधे तैयार हुए है। गत साल सूखे ही वजह से जुंजाणी जोड नर्र्सरी में ट्यूबवैल सूख गया था। इसके अलावा हातिमताई नर्सरी के ट्यूवबैल में पानी की गुणवत्ता बिगड़ गई है। जिससे पिछले साल के मुकाबले कम पौधेे ही तैयार हुए। जो बारिश शुरू होते ही वितरण शुरू होगा।
– मगसिंह चौहान, क्षेत्रीय वन अधिकारी-भीनमाल
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