जालोर

देखिए… नगर निकायों के शिविरों में ऐसे हो रहा जनकल्याण

पार्षद ने कहा -चेंबर में बैठे रहे, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद शिविर में नहीं आए आयुक्त, वार्ड 30 के लिए टाउन हॉल में लगा था जन कल्याण शिविर

जालोरJul 06, 2017 / 11:08 am

pradeep beedawat

जालोर. शहर के विभिन्न वार्डों में आमजन के जरूरी कामकाज निपटाने के लिए शिविरों का आयोजन तो किया गया, लेकिन इन शिविरों में अधिकारियों की ओर से महज औपचारिकता ही बरती गई। बुधवार को शहर के वार्ड संख्या 30 के लिए मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर का आयोजन नगरपरिषद टाउन हॉल में किया गया। शिविर शुरू होते ही यहां वार्ड वासी अपनी समस्या तो लेकर पहुंचे, लेकिन आयुक्त के नहीं होने से उनकी फरियाद सुनने वाला तक कोईनहीं था। हालत यह थी कि वार्डवासियों ने जब नियमन व स्वीकृति समेत अन्य कार्यों के लिए फाइलें निकालने को कहा तो कार्मिक वे भी नहीं निकाल पाए। वार्ड पार्षद का कहना था कि बुधवार को शिविर के आयोजन के बारे में अधिकारियों व कार्मिकों को पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद वार्ड से संबंधित पत्रावलियां व अन्य दस्तावेज शिविर में थे ही नहीं। कार्मिकों को इस बारे में पूछा गया तो वे पत्रावलियां ढंूढते नजर आए। जिसके कारण ना तो वार्डवासियों के काम हो पाए और ना ही उनकी समस्या सुनी गई।
एसडीएम से की शिकायत
नगरपरिषद टाउन हॉल में शहर के अंतिम वार्ड 30 नंबर के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान आयुक्त के नहीं आने के कारण वार्ड पार्षद हंसमुख नागर ने इसकी शिकायत शिविर प्रभारी एसडीएम राजेंद्रसिंह सिसोदिया से की, लेकिन वे भी अन्य शिविर में व्यस्त होने के कारण पहुंच नहीं पाए।
महिलाओं ने किया घेराव
शिविर के दौरान आयुक्त त्रिकमदान चारण वाहन में जैसे ही नगरपरिषद पहुंचे तो यहां पहले से मौजूद वार्डवासियों ने उनके अटके हुए काम करने की गुहार लगाई। इस दौरान आयुक्त वाहन में ही बैठे थे। शिविर में नहीं आने पर वार्डवासियों और महिलाओं ने उनका घेराव भी किया।
वार्डवासियों का दर्द
वार्डवासी मीठालाल प्रजापत ने बताया कि 35 साल से नियमन की पत्रावली नगरपरिषद में जमा है, लेकिन पट्टा नहीं बना है। इसी तरह पोकरराम व भावाराम ने करीब छह माह से अटकी नियमन की पत्रावली को लेकर हो रही परेशानी बताई।
इनका कहना है…
मैं शिविर में सवेरे से मौजूद था। आयुक्त चेंबर में ही बैठे थे। इस दौरान मैंने कई बार उन्हें शिविर में आने को कहा, लेकिन वे नहीं आए। इसके अलावा वार्ड का शिविर होने की जानकारी होने के बावजूद वार्डवासियों की पत्रावली तक बाहर नहीं निकाली गई और ना ही सूची बताई गई। कार्मिकों से पत्रावली के बारे में पूछा तो वे ढूंढने की बातकहते रहे। शिविर में महज औपचारिकता बरती गई।
-हंसमुख नागर, पार्षद, वार्ड-30

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