टिड्डी नियंत्रण दल हुआ नाकाम, उड़ कर यहां चली गई टिड्डी
– सवेरे टिड्डी को नष्ट करने के लिए बाड़मेर, जालोर से टीमें पहुंची सीमा क्षेत्र में इधर, हवा के रुख में बदलाव के साथ गुजरात राज्य में वाव तक पहुंची टिड्डी
– सवेरे टिड्डी को नष्ट करने के लिए बाड़मेर, जालोर से टीमें पहुंची सीमा क्षेत्र में इधर, हवा के रुख में बदलाव के साथ गुजरात राज्य में वाव तक पहुंची टिड्डी
जालोर/ वेडिय़ा. दो दिन पूर्व हलकी बारिश और हवा का रुख भारत की तरफ होने पर शुक्रवार को जालोर के नेहड़ क्षेत्र में पहुंचा टिड्डी दल विभागीय ढिलाई का नतीजा था। टिड्डी दल के बाड़मेर से सटते आरवा, वेडिया, सुराचंद, भीमगुड़ा, जाणी पुरा, भीमगुडा फांटा, सुजानपुरा, समा की ढाणी गांवों तक पहुंचने की सूचना पर शनिवार अल सवेरे बाड़मेर से दो और जालोर जिले की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्हें नष्ट करने का प्रयास शुरू किया। इस बीच टिड्डी नष्ट करने की मशीन में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। जिससे भी दिक्कतें आई। इधर टीमें जैसे ही मौके पर पहुंची हवा का रुख में बदलाव के साथ सवेरे टिड्डी का दल गुजरात राज्य के वाव की तरफ हो गई। इन हालातों में पालनपुर से भी टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंची।
एक किमी का था टिड्डी समूह
विभागीय जानकारी के अनुसार टिड्डी का यह समूह एक किमी क्षेत्र में फैला हुआ था। जो वर्तमान में प्रजनन की स्थिति में नहीं था। यह दल जालोर जिले केे नेहड़ तक पहुंचा और उसे नष्ट भी किया।
फसलों को खासा नुकसान
विभागीय अधिकारी जहां नुकसान नहीं होने की बात कह रहे हैं, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। टिड्डी का एक किमी का यह समूह जहां जहां पर भी बैठा है। वहां फसलों को चट कर लिया। किसानेां के अनुसार फिलहाल मुख्य रूप से रायड़ा, अरंडी, जीरे और गेहूं की फसलें अंकुरित हो चुकी थी। इस दल ने फसलों की कोपलें खा ली। वहीं कई स्थानों से तो पूरी की पूरी फसल ही इस दल ने साफ कर दिया। किसानेां की मानें तो जहां पर भी यह दल बैठा वहां से फसलें पूरी की पूरी तबाह हो गई है।
विभागीय दावों पर टिड्डी पड़ी भारी
इस साल अपे्रल माह से लेकर अब तक की बात की जाए तो विभागीय अधिकारियों ने लगातार टिड्डी नष्ट करने की बात कही है, लेकिन उसके बाद भी यह समूह भारत तक पहुंचा। यही नहीं फसलों को नुकसान भी पहुंचाया। यह तो शुक्र है कि हवा के रुख में बदलाव आ गया वरना यदि हवा का रुख इनके पक्ष में होता तो इनकी उड़ान भीतरी भागों तक भी हो सकती थी। जिससे फसलों में काफी हद तक नुकसान की आशंका रहती।
बलूचिस्तान में सर्दी में भी टिड्डी का प्रजनन
अक्सर बारिश के दिनों में ही पाकिस्तान से भारत तक टिड्डी पहुंचती है। लेकिन इस बार दिसंबर में बारिश हेाने के साथ हवा का रुख मिलने से टिड्डी का दल सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचा। विभागीय जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के बलूचिस्थान में एक व्यापक क्षेत्र ऐसा है, जहां टिड्डी बड़े समूह में रहती है। यह वह भाग हैं, जो सर्दी में टिड्डी के प्रजनन का केंद्र है। यहां सर्दी के मौसम में टिड्डी का प्रजनन होता है। विभागीय जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में टिड्डी नियंत्रण के बेहतर प्रबंध नहीं है। इन हालातों में यह समूह हवा में उड़ते हुए भारत तक पहुंच गई।
हवा का रुख किसानों के लिए अच्छा संकेत
जहां शुक्रवार तक हवा का रुख पाकिस्तान से भारत की तरफ था, जिसके बूते यह समूह भारत के सीमा क्षेत्र तक पहुंचा। कृषि विभाग के उप निदेशक आरपीसिंह के अनुसार शनिवार को अचानक से मौसम में बदलाव के साथ हवा का रुख भी बदला और हवा का रुख पुन: सीमा क्षेत्र की तरफ बदल गया।
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