एक दिन बाद बुधवार दोपहर को नहर के किनारे कपड़े देखकर एक व्यक्ति ने इसकी सूचना पुलिस को दी। उसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। बुधवार शाम तक सभी सातों के शव निकाल लिए गए। जोधपुर से भी एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार प्रथम दृष्टया यह कहासुनी और परिवार को प्रताडि़त करने का मामला लग रहा है। परिवार अपने ही गांव के किसी अन्य व्यक्ति से परेशान था और आखिरकार थक हारकर पूरे परिवार ने नहर में छलांग लगाकर जान दे दी।
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गांव के सूत्रों के अनुसार सांचौर के गलीपा निवासी शंकराराम कोली की अपनी पत्नी बादली के साथ मंगलवार को बहस हुई। दोनों गुस्से में अपने बच्चों सहित दोपहर को घर से निकल गए। उनके 3 लड़कियां और 2 लड़के साथ में थे। शंकराराम (45) पुत्र खेमाराम कोली, शंकराराम की पत्नी बादली (40), उनके बच्चे रमिला (12), प्रकाश (10), केगी (8), जानकी (6) और हितेश (3) ने मंगलवार को नहर में छलांग लगा दी। इन सभी के कपड़े नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल के पास पड़े मिले।
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यह मामला आ रहा है सामने
पति-पत्नी की ओर से पांच बच्चों सहित नहर में कूदने का कदम उठाए जाने के पीछे की वहीं के एक युवक की ओर से परेशान किए जाने बात सामने आई है। इस बात को लेकर दो दिन पूर्व ग्रामीण स्तर पर पंच पंचायती भी रखी गई थी, किन्तु कोई परिणाम सामने नहीं आने से परिवार का मुखिया परेशान था। इसको लेकर उन्होंने ग्रामीणों व समाज के समक्ष न्याय की गुहार भी लगाई थी, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने कारण परिवार ने यह घातक कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।