घटना के बाद शिव से निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने कड़ा विरोध जताया और घटनास्थल पर जाकर धरने पर बैठ गए। एक वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि ग्रामीणों को हिरासत में लेने के बाद रविन्द्र सिंह भाटी पुलिस प्रशासन से नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
दरअसल, ग्रामीणों द्वारा अपनी संस्कृति, अपनी भूमि और ओरण के संरक्षण की भावना से उठाए गए इस विरोध को दबाने के प्रयास में पुलिस प्रशासन ने न केवल ग्रामीणों को हिरासत में लिया, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। स्थानीय लोगों की आस्था और प्रकृति की इस धरोहर पर हुए इस आक्रमण और प्रशासन की ओर से किए गए दमन के प्रति लोगों में व्यापक आक्रोश फैल गया है।
इस घटना के प्रति कड़ा विरोध जताते हुए शिव के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने अपने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा और नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “वर्षों से हमारे पूर्वजों ने जिन मंदिरों और ओरण में पाए जाने वाले दुर्लभ वृक्षों की रक्षा की और इसके लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दिया, आज उसी भूमि पर जबरन पेड़ों की कटाई और निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। यह न केवल अन्याय है बल्कि हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर पर सीधा हमला है।”
विधायक भाटी ने प्रशासन के इस रवैये की कठोर निंदा करते हुए कहा कि ओरण और पवित्र भूमि की रक्षा के लिए आवाज उठाना हर ग्रामीण का हक है, उनके साथ इस तरह के दमनकारी कदम अत्यंत निंदनीय हैं। इसके तुरंत बाद शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ख़ुद झिंझिनियाली पहुंचे और प्रशासन के अनैतिक रवैये का अन्य ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ कर विरोध जताया।
गौरतलब है कि जैसलमेर के विभिन्न गांवों में पसरे ओरण (किसी भी धार्मिक स्थान के चारों और फैली जंगल की जमीन जिसका उपयोग चारागाह के लिए किया जाता है, इस जमीन पर लगे किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाता) को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करवाने और उन्हें निजी कंपनियों से मुक्त करवाने के लिए बीते एक दशक से पर्यावरण प्रेमी लड़ाई लड़ रहे हैं।