जैसलमेर। पुलिस जीप से दो युवकों को उतारने के मामले में शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ सकती है। अब इस मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी गई है। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें साफ दिख रहा है कि विधायक भाटी पुलिस जीप को रुकवाकर दो युवकों को नीचे उतार रहे है। हालांकि, अब वो इस मामले में फंसते नजर आ रहे है।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि दो जनों को पुलिस से छुड़ाने का जो वीडियो गत शुक्रवार को वायरल हुआ, वह जांच में सही पाया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी युवा हैं और उनसे यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वे कानून को अपने हाथ में लें। इस मामले की जांच सीआइडी सीबी करेगी।
चौधरी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बईया मामले में सभी हितधारकों की बात को जिला कलक्टर सुन रहे हैं और जो भी विधिक रूप से सही होगा, पुलिस प्रशासन के सहयोग से वह किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि निजी जमीन चाहे किसी व्यक्ति या कम्पनी की है, उसे पूरा हक है कि वह उसका इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा ओरण का मामला है, वह अलग विषय है। इसमें सभी पक्षों की राय जानने के बाद जो सही होगा, वह निर्णय प्रशासन की ओर से लिया जाएगा।
प्रशासन व पुलिस की दादागिरी को बर्दाश्त नहीं : भाटी
इधर, झिनझिनयाली थाना क्षेत्र में बईया गांव में निजी सोलर कम्पनी द्वारा करवाए जाने वाले कार्य के खिलाफ ग्रामीणों के आंदोलन में भागीदारी कर रहे शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी शनिवार को जिला प्रशासन से वार्ता करने कलेक्ट्रेट पहुंचे और कुछ देर की बातचीत के बाद बाहर निकल कर उन्होंने कहा कि वार्ता का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है और धरना व आंदोलन जारी रहेगा। भाटी ने उपस्थित पत्रकारों से बातचीत में प्रशासन पर लोगों की आवाज को दबाने का आरोप लगाया और कहा कि कानून व व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर प्रशासन व पुलिस की दादागिरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाद में सर्किट हाऊस में पत्रकारों के साथ बातचीत में शिव विधायक भाटी ने कहा कि उन्हें किसी ने बताया कि जिले में पदस्थापित कई अधिकारियों का कहना है कि उनका काम सरकार से मिलने वाली तनख्वाह से नहीं चलता। मल्टीनेशनल कम्पनियों से मिलने वाले पैसे से चलता है। वे यह भी कहते हैं कि उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग जयपुर से नहीं होती, अहमदाबाद से होती है। यह सब शोचनीय विषय है।