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जैसलमेर में मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ता संकट

विशेषज्ञों के अनुसार जिले में मिरगी, अनिद्रा, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया और अन्य मानसिक रोगों के मामले तेजी से बढ़े हैं।

जैसलमेरOct 09, 2024 / 08:22 pm

Deepak Vyas

jsm mental
धोरों की धरती जैसलमेर जो अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, अब एक चुनौती का सामना कर रहा है – मानसिक रोगों की बढ़ती संख्या। विशेषज्ञों के अनुसार जिले में मिरगी, अनिद्रा, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया और अन्य मानसिक रोगों के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोरोना महामारी के बाद सबसे अधिक डिप्रेशन के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पारिवारिक तनाव, बेरोजगारी और नशे की लत जैसी समस्याओं से जुड़े हुए हैं। मनोरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि जहां 2018 तक जिले में 2 हजार मरीज मानसिक रोगों का इलाज करवा रहे थे, वहीं 2020 तक यह संख्या 5 हजार तक पहुंच गई। 2021-22 में यह आंकड़ा लगभग 7 हजार 200 तक जा पहुंचा और अब यह संख्या 8 हजार के करीब बताई जा रही है। यह वृद्धि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता और बढ़ते सामाजिक-आर्थिक दबावों का परिणाम है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक रोगों में तेजी से वृद्धि का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, बेरोजगारी और भविष्य के प्रति अनिश्चितता है। रोजगार की कमी और पारिवारिक माहौल में तनाव के कारण युवाओं में डिप्रेशन और अन्य मानसिक रोग बढ़ रहे हैं। बढ़ती नशाखोरी और सामाजिक अपेक्षाओं के दबाव ने भी इस समस्या को गंभीर बना दिया है। लोग अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, आत्ममूल्य की कमी और जीवन के प्रति निराशा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

राजकीय जवाहिर अस्पताल में विशेषज्ञ की कमी

जिले के मनोरोग मरीजों के लिए चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि जैसलमेर के प्रमुख राजकीय जवाहिर अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ का पद खाली है। कुछ समय पहले यहां तैनात कनिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ की मृत्यु के बाद से यह पद रिक्त पड़ा है। पोकरण के कार्यरत मनोरोग चिकित्सक की ओर से जिला मुख्यालय पर एक दिन सेवाएं देने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

योग और संयमित जीवनशैली से मिलेगी राहत

अध्ययनों के अनुसार मानसिक रोगों का इलाज केवल दवाओं से संभव नहीं है। हृदय रोगों के बाद मानसिक बीमारियां सबसे तेजी से बढऩे वाली समस्याओं में से एक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक रोगों से बचने के लिए योग, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। मनोरोग से ग्रस्त व्यक्ति अपने मित्रों और परिवारजनों से बातचीत करें, सकारात्मक अनुभवों पर ध्यान दें और किसी योग्य मनोचिकित्सक की सलाह लें। यह उपाय न केवल मानसिक शांति प्रदान करेंगे, बल्कि रोगों को भी नियंत्रित कर सकते हैं।

मोबाइल और इंटरनेट एडिक्शन का बढ़ता खतरा

जैसलमेर में मानसिक रोगों के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट एडिक्शन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह समस्या अब किशोरों में भी देखने को मिल रही है, जो तकनीकी लत के कारण सामाजिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। इस लत से बचने के लिए समय पर परामर्श और जागरूकता जरूरी है।

इलाज व जीवन शैली में सुधार जरूरी

मानसिक रोगों की बढ़ती समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से इस संकट को काबू में किया जा सकता है।
-डॉ. जितेन्द्र नाराणिया, मनोरोग विशेषज्ञ

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