जैसलमेर की निगाहें इन पर
– जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के जीर्णोद्धार कार्यों के लिए पूर्व में दो सरकारों ने घोषणाएं की हैं, लेकिन राशि आवंटित नहीं हो सकी।
– जैसलमेर के महाराणा प्रताप मैदान में मल्टी स्टोरी पार्किंग स्थल के निर्माण की गत बजट में की गई घोषणा पर आगे नहीं बढ़ा जा सका है।
– जैसलमेर के इंदिरा इंडोर स्टेडियम में एक और अत्याधुनिक खेल सुविधाओं के वाले इंडोर स्टेडियम के निर्माण की दिशा में भी काम आगे नहीं बढ़ पाया है।
– जैसलमेर में संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा का क्रियान्वयन शुरू नहीं हो सका है।
– जैसलमेर क्षेत्र में अब भी कई बड़े गांवों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार और विकास का लोगों को इंतजार है। नई सरकार से उम्मीद है कि चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ््ीकरण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।
– जैसलमेर शहर सहित गांवों में विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके लिए शहर में कम से कम तीन-चार नए जीएसएस का निर्माण आवश्यक है वहीं गांवों में भी पूर्व में घोषित जीएसएस का निर्माण व नए क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का सिस्टम सुधारने की महत्ती आवश्यकता है।
– नहरी किसानों को मुरब्बों में डिग्गी निर्माण के लिए बड़ी योजना का इंतजार है।
पोकरण को इन घोषणाओं का इंतजार
– पोकरण को जिला बनाने का इंतजार है। क्षेत्रीय विधायक महंत प्रतापपुरी ने भी क्षेत्र की जनता से इसके लिए प्रयास करने का वादा किया है।
– पोकरण में नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र शुरू किया जाए। जिसके लिए लोग लंबे समय से मांग कर रहे है।
– इंदिरा शक्ति पेनोरमा की गत बजट में घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में नए विद्युत जीएसएस का निर्माण हो, ताकि विद्युत व्यवस्था में सुधार आ सके।
– पोकरण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से कृषि मंडी की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक जमीन आवंटन के अलावा कोई कार्य नहीं हुआ है। इस बजट में यदि राशि आवंटित होती है तो कार्य शीघ्र शुरू हो सकेगा।
– नए औद्योगिक क्षेत्र रीको के लिए भी जमीन आवंटित हुई थी, लेकिन कार्य अटका पड़ा है।
– कृषि महाविद्यालय के साथ ही फलसूंड, रामदेवरा, भणियाणा, नाचना, सांकड़ा में नए महाविद्यालयों की घोषणा हुई थी। इनमें से कई महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन भवन नहीं बन पाए है। साथ ही व्याख्याताओं की भी नियुक्तियां नहीं हुई है।
– पोकरण के आरटीडीसी मिड-वे को गत सरकार ने शुरू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद पर्यटन विभाग ने भवन को वित्त विभाग को दे दिया। अब मिड-वे के शुरू होने पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
– पोकरण के राजकीय अस्पताल को जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ अस्पताल क्रमोन्नत हुए और नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी स्थापित हुए, लेकिन चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की कमी है। इन पदों पर नियुक्तियां करना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
– पोकरण के पर्यटन व्यवसाय को गति देने के लिए विशेष प्रयास हो। ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों पर विकास कार्य करवाए जाए, ताकि पर्यटकों को इन स्थलों की पहचान हो सके।
– कुछ वर्ष पूर्व इंडोर स्टेडियम की घोषणा की गई थी, लेकिन कोई कार्य शुरू नहीं हुआ।
पोकरण को मिलेंगी कई सौगातेंपोकरण कस्बे में सीवरेज के विस्तार, ट्रीटमेंट प्लांट, कम्यूनिटी हॉल, इंडोर स्टेडियम, बस स्टैंड में विकास कार्य, सिटी पार्क व नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत करने की मांग की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों, कॉलेजों व अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नए चिकित्सा केंद्रों की स्वीकृति, क्रमोन्नति, नए जीएसएस की स्थापना और पेयजल व्यवस्थाओं के विस्तार को लेकर सरकार से मांग की गई है। सरकार पोकरण क्षेत्र में नई सागातें देगी, जिससे आमजन को लाभ मिलेगा।
– महंत प्रतापपुरी, विधायक, पोकरण