निजीकरण से अंधकारमय है भविष्य
कर्मचारियों ने निजीकरण के कारण अपने भविष्य को अंधकारमय बताते हुए इसे सभी के लिए घातक बताया। प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि विद्युत निगम में निजीकरण केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे विभाग का नुकसान करेगा। इस कदम से न केवल कर्मचारियों की आजीविका खतरे में पड़ेगी, बल्कि उनके परिवारों का भविष्य भी असुरक्षित होगा। इसके अलावा संयुक्त संघर्ष समिति ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि विद्युत निगम में ओल्ड पेंशन योजना को तत्काल लागू किया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि स्पष्ट नियम और निर्देश होने के बावजूद ईपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती प्रारंभ नहीं की जा रही है। विभाग इसे कानून सलाह के नाम पर अनावश्यक लंबित कर रहा है, जिससे कर्मचारियों में रोष है। संयुक्त संघर्ष समिति ने सभी कर्मचारियों से एकजुट होकर आंदोलन को और मजबूती देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ वर्तमान कर्मचारियों के लिए नहींए बल्कि आने वाली पीढयि़ों के भविष्य के लिए भी है। धरने में जिले के सभी सहायक अभियंता कार्यालयों से कर्मचारी उपस्थित हुए, जिनमें मुख्य रूप से सँयुक्त संघर्ष समिति के विभिन्न संघटनों के मुख्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना दिया गया। इस दौरान राजेन्द्र कुमार सैनी, महिपालसिंह विश्नोई, धनपुरी गोस्वामी, महिपालसिंह पंवार, कृष्ण कुमार पुरोहित, कार्तिक भाटी, चेतन नारनोलिया, राजकुमार मीणा आदि शामिल थे।यह है मुख्य मांगे
-विद्युत निगम में निजीकरण तत्काल प्रभाव से रोका जाए। -जीपीएफ खाता आवंटित कर ओल्ड पेंशन योजना लागू की जाए।-कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।