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जैसलमेर

40 जल बिन्दु, 40 कैमरे और 24 घंटे निगरानी रखेंगे 80 कार्मिक

राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र (डीएनपी) में वन्यजीवों की गणना वैशाख मास की पूर्णिमा यानी आगामी 23 मई को सुबह 8 बजे से शुरू की जाएगी। जिले भर में डीएनपी क्षेत्र में इसके लिए 40 स्थानों का चयन किया गया है। जहां वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जाएगी। वैसे हर बार वैशाख मास की पूर्णिमा को वन विभाग यह कवायद करता रहा है लेकिन गत बार उस दौरान चहुंओर अच्छी बारिश होने के कारण राज्य भर में अभयारण्यों में होने वाली वन्यजीवों की गणना के कार्य को टाल दिया गया था।

जैसलमेरMay 19, 2024 / 08:37 pm

Deepak Vyas

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राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र (डीएनपी) में वन्यजीवों की गणना वैशाख मास की पूर्णिमा यानी आगामी 23 मई को सुबह 8 बजे से शुरू की जाएगी। जिले भर में डीएनपी क्षेत्र में इसके लिए 40 स्थानों का चयन किया गया है। जहां वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जाएगी। वैसे हर बार वैशाख मास की पूर्णिमा को वन विभाग यह कवायद करता रहा है लेकिन गत बार उस दौरान चहुंओर अच्छी बारिश होने के कारण राज्य भर में अभयारण्यों में होने वाली वन्यजीवों की गणना के कार्य को टाल दिया गया था। जिले में 40 जगहों पर पानी भर कर गणना के कार्य की तैयारी की जा रही है और इस कार्य में कार्मिकों की ड्यूटी विभाग की तरफ से लगाई गई है। उनका प्रशिक्षण सोमवार को सुदासरी में रखा गया है। इसके साथ ही एक दर्जन कैमरे भी 24 घंटों तक वन्यजीवों की निगरानी रखेंगे। गणना 24 मई सुबह 8 बजे तक चलेगी। वाटर हॉल पद्धति के तहत वैशाख मास की पूर्णिमा पर वाटर पॉइंट के पास मचान पर बैठकर कार्मिक गणना करेंगे।

माना जाता है सटीक तरीका

  • वाटर हॉल पद्धति को वन्यजीवों की गणना के लिहाज से सटीक तरीका माना जाता है। यह माना जाता है कि अत्यंत ग्रीष्मकाल में सुबह 8 से आगामी दिन सुबह 8 बजे तक यानी 24 घंटों की अवधि में डीएनपी क्षेत्र के वन्यजीव कम से कम एक बार पानी पीने नजदीकी वाटर पॉइंट पर जरूर पहुंचते हैं। इसके अलावा पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की चांदनी सबसे ज्यादा खिली हुई रहती है। ऐसे में दिन के उजाले के साथ रात के समय भी अच्छी रोशनी व्यवस्था रहेगी।
  • इस कवायद के तहत दुर्लभ गोडावण पक्षी सहित सियार, गीदड़, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरु लोमड़ी, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सूअर, सेही, शिकारी पक्षी, मोर व सांडा आदि की गणना की जाएगी।
  • गणना के लिए वन विभाग डीएनपी की तरफ से प्रत्येक वाटर पॉइंट पर तकनीकी कार्मिक की ड्यूटी लगाई जाएगी। वन्यजीवों की आवक के लिहाज से ज्यादा अहम वाटर पॉइंट्स पर कैमरे भी लगाए गए हैं।
  • जिले के डीएनपी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नजर राज्य पक्षी गोडावण पर रहती है। जिसके संरक्षण व संवद्र्धन पर सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। 2022 में करवाई गई गणना में 42 गोडावण नजर आए थे।

गत वर्ष नहीं हो पाई थी गणना

राष्ट्रीय मरु उद्यान (डीएनपी) क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना गत वर्ष नहीं हो सकी थी। उस दौरान विभाग ने पहले वैशाख पूर्णिमा यानी 5 मई को करवाई जानी निर्धारित थी लेकिन जिले भर में हुई व्यापक बारिश के चलते जंगलों में जगह-जगह पानी भरा होने से गणना की इस कवायद को टाला दिया गया था। बाद में यह गणना 4 जून को करवाने का निर्णय लिया गया। बाद में वह भी नहीं हो सका। गौरतलब है कि साल 2020 में भी विभाग ने वैशाख पूर्णिमा को वन्यजीवों की गणना करवाई थी, तब भी अभयारण्य क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरा होने की वजह से विभाग की तरफ से चिन्हित जलस्रोतों पर सभी वन्यजीव नहीं पहुंचे थे और गणना के नतीजे निराशाजनक आए थे।

गणना के लिए की जा रही तैयारियां

वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना आगामी 23 से 24 मई तक करवाने के लिए विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। सभी वाटर हॉल को पानी से भरे जाने के साथ सुविधाजनक स्थानों पर मचान स्थापित करवाए गए हैं। कई जगहों पर कैमरे भी लगाए गए हैं।
  • आशीष व्यास, उप वन संरक्षक, डीएनपी, जैसलमेर

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