यह पोर्टेबल मिसाइल कंधे से भी चलाई की जा सकती है और परीक्षण के दौरान एक जवान ने ऐसा कर दिखाया। परीक्षण के समय सेना के साथ डीआरडीओं के अधिकारी भी मौजूद रहे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल को भारतीय सेना और पैरा कमांडो के लिए विकसित किया है।
पोकरण रेंज में परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने पूरी सटीकता के साथ लक्ष्यों पर निशाना साधा और उनके परखच्चे उड़ा दिए। ढाई किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की धज्जियां उड़ाने में सक्षम है और भविष्य में इसे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जाएगा।
जानिए-क्यों खास है ये मिसाइल?
1-यह भारत की पहली ऐसी मिसाइल है, जिसे कंधे पर रखकर राकेट लॉन्चर की तरह दागा जा सकता है। 2-यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की धज्जियां उड़ाने में सक्षम है।
3-स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की रेंज ढाई किलोमीटर तक है। 4-यह मिसाइल अर्जुन टैंक में भी लगाई जाएगी और इस तरह से टैंक से गोले के साथ मिसाइल भी दागी भी जा सकेगी।
5-स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार लगा है, जिससे अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर कवच वाले बख्तरबंद वाहन भी बच नहीं सकते। 6-इससे रात के समय में भी हमला किया जा सकता है।
7-एमपी-एटीजीएम की रेंज 200 मीटर से लेकर 2.5 किलोमीटर तक है। 8-इस मिसाइल का वजन 14.5 किलोग्राम व लम्बाई 4.3 फीट है। 9-रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल विकसित किया है।
10-खास तौर पर भारतीय सेना और पैरा कमांडो के लिए यह मिसाइल बनाई गई है।