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जैसलमेर

निराशाजनक : पर्यटकों के सैलाब में विदेशियों का आंकड़ा अभी भी 12 साल पहले जितना ही

पर्यटन की दुनिया में अलहदा स्थान बना चुके जैसलमेर में बीते वर्ष 2024 में भी लाखों की तादाद में सैलानी उमड़े और विशेषकर साल के अंतिम दिनों में तो जैसलमेर से लेकर सम के धोरों तक में पांव रखने को जगह नहीं मिली लेकिन सैलानियों के सैलाब में विदेशी पर्यटकों की भीड़ कम ही देखने को मिली।

जैसलमेरJan 02, 2025 / 08:55 pm

Deepak Vyas

jsm news
पर्यटन की दुनिया में अलहदा स्थान बना चुके जैसलमेर में बीते वर्ष 2024 में भी लाखों की तादाद में सैलानी उमड़े और विशेषकर साल के अंतिम दिनों में तो जैसलमेर से लेकर सम के धोरों तक में पांव रखने को जगह नहीं मिली लेकिन सैलानियों के सैलाब में विदेशी पर्यटकों की भीड़ कम ही देखने को मिली। आंकड़े बताते हैं कि 12 साल पहले यानी 2012 में जितने विदेशी जैसलमेर घूमने आए थे, करीब उतने ही 2024 में इस मरुधरा पर पहुंचे हैं। जबकि बीच के वर्षों में विशेषकर 2017, 2018 और 2019 में तो विदेशियों का आंकड़ा एक लाख और उसके भी पार पहुंचा है। इन सबमें 2018 वह वर्ष था जब विदेशी आज तक की गणना में सबसे ज्यादा जैसलमेर आए। यह आंकड़ा 1 लाख 36 हजार 406 का था। जबकि हाल में बीते वर्ष 2024 में विदेशी बमुश्किल 56 हजार पर्यटक आए। वर्ष 2020 के मध्य मार्च माह में कोरोना महामारी के आगमन के बाद एकदम बंद हुई विदेशी पर्यटकों की आवक हालात के सामान्य होने के बाद भी पहले वाले स्तर पर नहीं पहुंच रही है।

विदेशियों की कम आवक के मुख्य कारण

  • जैसलमेर में विदेशियों की आवक में कमी के प्रमुख कारणों में एक सबसे अहम यहां पीक सीजन के दौरान सितारा होटलों में कमरे फुल रहने की स्थिति।
  • विदेशी अपना भ्रमण कार्यक्रम एजेंसी के माध्यम से कई महीने पहले बनाते हैं। जैसलमेर के सितारा होटल वाले पीक सीजन के समय कमरे बिके होने से 20-25 से लेकर 40 हजार रुपए प्रतिदिन में किराया रहता है।
  • एयरलाइन्स कम्पनी गिने-चुने शहरों के लिए सेवा मुहैया करवाती है और पीक सीजन में टिकटों की दर बेस फेयर से 3-4 गुना बढ़ जाता है।
  • जैसलमेर में पीक सीजन के दौरान होने वाली हद से ज्यादा सैलानियों की भीड़, लम्बी दूरी की टे्रनों की अनुपलब्धता भी ऐसे कारण हैं, जो विदेशियों को जैसलमेर से दूर कर रहे हैं।

यह है हकीकत

साल 2012 में जैसलमेर में कुल 1 लाख 958 देशी पर्यटक घूमने आए थे तब विदेशियों की तादाद लगभग आधी यानी 49 हजार 119 थी। धीरे-धीरे विदेशियों का आंकड़ा देशी सैलानियों के साथ बढ़ता गया। 2017 में 1 लाख 22 हजार 851 और 2018 में सर्वाधिक 1 लाख 36 हजार 406 व कोरोना से ठीक पहले 2019 में करीब 95 हजार विदेशी पर्यटक जैसलमेर आए थे। इसके विपरीत 2021 में महज 1690, 2022 में 29 हजार 131 और 2023 में 47 हजार 682 विदेशी जैसलमेर पहुंचे। दूसरी तरफ देशी पर्यटकों का आंकड़ा 10 लाख के अंक को छू रहा है। हालांकि रामदेवरा आने वाले धार्मिक पर्यटन से जुड़े लोगों को जोडकऱ देखा जाए तो यह संख्या 50-60 लाख के आसपास होती है। पर्यटन के जानकारों की मानें तो विदेशी पर्यटन पर विगत दशकों के दौरान कुछ सालों के अंतराल में संकट के बादल मंडराते रहे हैं। इससे उनकी आवक भी गिरी है, लेकिन कोरोना के बाद पिछले कुछ वर्षों में ऐसी परेशानियां नहीं हैं। मसलन पूर्व के दशकों में खाड़ी युद्ध, मंदिर-मस्जिद विवाद, प्लेग प्रसार और भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध आदि जैसे हालात के कारण सीमित समय में विदेशियों की आवक प्रभावित हुई, लेकिन थोड़े समय बाद ही सब कुछ सामान्य हो गया। इस बार समस्या ज्यादा गंभीर है।

सीजन में कमरों की समस्या

जैसलमेर में विदेशी पर्यटन की कमी के पीछे सबसे प्रमुख कारण विदेशों में व्यवसाय करने वाली ट्रेवल एजेंसियों को सीजन के समय कमरे ही उपलब्ध नहीं हो पाते। पीक सीजन में कई गुना दाम बढ़ जाते हैं। इस कारण विदेशी कम पहुंचते हैं।
  • अनिल पंडित, पर्यटन व्यवसायी

पुन: किया जाए आकर्षित

विदेशी पर्यटक जैसलमेर पर्यटन की जान रहे हैं लेकिन अफसोस की बात है कि पिछले कुछ वर्षों से उन्हें आकर्षित करने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा। जैसलमेर के बारे में नकारात्मक प्रचार उन्हें इस क्लासिक स्थल से दूर कर रहा है। उन्हें पुन: जैसलमेर के प्रति आकर्षित करने के साझा प्रयास करने होंगे।
  • मयंक भाटिया

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