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जयपुर

World Physiotherapy Day 2022:फिजियोथेरेपी के ज़रिए मिलेगी कई बीमारियों से निजात

8 सितंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता फैलाने और एक पहचान दिलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में दिन को सेलेब्रेटेड किया जाता है।

जयपुरSep 08, 2022 / 03:07 pm

Kamlesh Sharma

World Physiotherapy Day 2022
नूपुर शर्मा

8 सितंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता फैलाने और एक पहचान दिलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में दिन को सेलेब्रेटेड किया जाता है। फिजियोथेरेपी को हिंदी में भौतिक चिकिस्तक के नाम से जाना जाता है।
ये थेरेपी फिजिकल रिहैबिलिटेशन , चोट की रोकथाम और स्वास्थ्य और फिटनेस के माध्यम से सुगम बनाया गया है।एक फिजिकल थेरेपिस्ट का काम मरीज के शरीर में आई चोट,वीकनेस ऑफ़ बोनस, टिश्यू के दर्द, डिसेबिलिटी और कई समस्याओं को दूर करता है। फिजियोथेरेपिस्ट आपको स्वास्थ्य के बारे में जागरु करते है।
फिजियोथेरेपी को एक आधुनिक चिकित्सा पद्धति माना जाता है, लेकिन यह भारत में सदियों से चली आ रही मालिश और व्यायाम के नुस्खे का एक कॉम्बिनेशन है।

बिना दवा लिए या ऑपरेट किए मानसिक तनाव, घुटने और पीठ दर्द जैसी कई समस्या से बचने या निपटने के लिए फिजियोथेरेपी एक इफेक्टिव तरीका है।कलाई, कंधे, घुटनों या कोहनी के दर्द के साथ-साथ गर्दन के दर्द को भी फिजियोथेरेपी से दूर किया जा सकता है। ऐसे में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में थेरेपी दी जाती है। लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथैरेपी का रुख कर रहे हैं ये हड्डियों के दर्द में काफी कारगर है। साक्ष्य आधारित और नेचुरल मेथड्स से किया जाता है जो एक्सरसाइज और अनुकूलित उपकरण से होती है।



फिजियोथेरेपी की परिभाषा

“एक ट्रेनेड फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर की मसल्स को सही अनुपात में एक्टिव करने के प्रोसेस को ही फिजियोथेरेपी कहते है।”
“शरीर में कई तरह के डिसॉर्डर होते हैं और उनका इलाज अलग-अलग डॉक्टर करते हैं। जब शरीर की हड्डियों में किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसका इलाज ऑर्थोपेडिक (हड्डियों का डॉक्टर) करते हैं।

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अस्थमा की परेशानी से जूझते लोगों के लिए फिजियोथेरेपी कारगार साबित हो सकती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अस्थमा में मरीज को अलग ब्रीदिंग एक्सरसाइज कराई जाती है, जिससे फेफड़े मजबूत हो जाते है।

वर्क फ्राम होम के चलते गलत तरीके से बैठने पर लोगों को शोल्डर , नैक और बैक पेन की समस्या हो रही है। लोअर बैक पेन की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट अलग एक्सरसाइज के माध्यम से दर्द को कम करते हैं।

प्रेगनेंसी की वजह से महिलाएं फिजियोथैरेपी का सहारा लेती है और अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज करती है। मन में सिर्फ एक की ख्वाइश होती है कि उनकी डिलीवरी नॉर्मल हो । डिलीवरी से पहले और बाद में महिलाओं के लिए फिजियोथेरेपी भी वर्तमान में बहुत लोकप्रिय है।

फ्रैक्चर होने पर भी फिजियोथेरेपी कराई जाती है। सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को फिजियोथेरेपी से कम किया जा सकता है। इसमें एक्सपर्ट एक्सरसाइज की मदद से फ्रैक्चर के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बना देते हैं। इसमें ज्वाइंट का मोबिलाइजेशन किया जाता है, जिससे दर्द दूर हो जाता है।

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