scriptWorld Food Day 2024: भूख की जंग से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार चला रही ये योजनाएं, मकसद एक ‘कोई भूखा ना सोए’ | World Food Day 2024: Know about the major schemes of Rajasthan Government | Patrika News
जयपुर

World Food Day 2024: भूख की जंग से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार चला रही ये योजनाएं, मकसद एक ‘कोई भूखा ना सोए’

World Food Day 2024: राजस्थान की बात करें तो यहां भी राज्य सरकार भुखमरी और कुपोषण की समस्या को खत्म करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इस योजनाओं का एक ही मकसद है कि प्रदेश में कोई भी इंसान भूखा ना सोए।

जयपुरOct 16, 2024 / 10:26 am

Rakesh Mishra

World Food Day 2024
World Food Day 2024: दुनिया को भोजन का महत्व बताने के लिए हर साल आज के दिन यानि 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। हर साल इस दिन के लिए अलग-अलग थीम की घोषणा की जाती है। इस साल की थीम ‘बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार’ है। वहीं ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में भी भुखमरी एक बड़ी समस्या है। 127 देशों में भुखमरी के मामले में भारत को 105वां स्थान मिला है। वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां भी राज्य सरकार भुखमरी और कुपोषण की समस्या को खत्म करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इस योजनाओं का एक ही मकसद है कि प्रदेश में कोई भी इंसान भूखा ना सोए।

अन्नपूर्णा रसोई योजना

राजस्थान में इसकी शुरुआत 15 दिसंबर 2016 को हुई। उस वक्त मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं। इसके बाद साल 2018 में सत्ता बदली और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई तो उसने योजना का नाम बदल कर इंदिरा रसोई कर दिया। पिछले वर्ष राजस्थान में फिर सत्ता बदली और एक बार फिर इस योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई हो गया। हालांकि बीते 8 साल से आम जनता को 5 रुपए में नाश्ता और 8 रुपए में भोजन की थाली मिल रही है। वहीं थाली में भोजन की मात्रा 450 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम कर दी गई है। इसके साथ ही रसोई में एक व्यक्ति केवल एक ही थाली ले पाएगा। इस थाली में 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम चावल व मोटे अनाज की खिचड़ी व अचार शामिल है।

मिड डे मील योजना

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ‘मिड डे मील योजना’ चलाई जाती है, ताकि बच्चों को पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके। मिड डे मील कार्यक्रम की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को पूरे देश में लागू की गई थी। मिड डे मील योजना में हर दिन का अलग-अलग मीनू तय किया गया है। इसके तहत सोमवार को सब्जी रोटी, मंगलवार को दाल चावल, बुधवार को दाल रोटी, नमकीन चावल व सब्जी युक्त खिचड़ी, शुक्रवार को दाल रोटी, शनिवार को सब्जी रोटी खिलाई जाती है। इसके अलावा विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन मौसमी फल भी खिलाते हैं। हालांकि कई बार मिड डे मील में खराब खाना मिलने की भी शिकायतें मिलीं हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रतिदिन पांच विद्यार्थियों की मां को रेंडम तरीके से स्कूल में बुलाकर उनसे मिड डे मील के भोजन की जांच कराने के लिए आदेश दिए हैं।

सरकारी स्कूलों में कुपोषण से जंग

सरकारी स्कूलों के बच्चों में कुपोषण को दूर करने और उन्हें मजबूत करने के लिए भी राजस्थान में एक योजना चल रही है। इसका नाम पन्नाधाय बाल गोपाल योजना है। हालांकि पिछली कांग्रेस सरकार में इस योजना का नाम मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना थी। इस दौरान सप्ताह में दो बार बच्चों को दूध मुहैय्या कराया जाता था। हालांकि बाद में इसे सप्ताह के सभी 6 दिन कर दिया गया। वहीं अब भाजपा सरकार दूध की जगह मोटा अनाज देने पर भी विचार कर रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इस संबंध में कई बार बयान जारी कर चुके हैं।

खाद्य सुरक्षा योजना में मिलता है मुफ्त राशन

राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ 35 लाख व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं। वहीं राज्य सरकार जिनके घर में चौपहिया वाहन है या फिर जो लोग आयकर भरते हैं, उन्हें इस योजना से बाहर करने का प्लान बना रही है। इस योजना को शुरू करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के करीब परिवार को सस्ते दरों पर उचित क्वालिटी का खाद्यान्न उपलब्ध कराना है, जिससे वह अच्छा और पौष्टिक खाना खा सकें। योजना के अंतर्गत अंत्योदय परिवारों को हर महीने 35 किलो गेहूं मिलता है। वहीं साथ ही अन्य पात्र लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं हर महीने के हिसाब से दिया जाता है।

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