इसी दौरान गले में साड़ी का एक हिस्सा और बाल थ्रेसर मशीन में फंस गए। साड़ी का मानो फंदा बन गया और बाल भी मशीन में खींचते चले गए। जान बचाने के लिए जब गीता देवी कोई खास प्रयास नहीं कर सकीं तो वे तेजी से चीखने लगी। पास ही खेत पर काम कर रही 16 साल की बेटी चंदा दौड़कर मां के पास आई। उसे कुछ समझ नहीं आया। उसने मां को जोर से पकड़ लिया और पिता को आवाज लगाना शुरू कर दिया।
इस बीच चंदा की पकड़ कमजोर होती जा रही थी। चंदा के पिता वहां आए और उन्होनें तुरंत गीता देवी को थामा। दोनो पैर और कमर का हिस्सा सख्ती से पकड़ा। इस बीच चंदा ने वहां पास ही रखी कैंची से मां के बाल और साड़ी का हिस्सा काट दिया। गीता देवी की जान बच गई लेकिन बाल उखड़ जाने के कार सिर में चोट लगी। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि एक दो दिन में उनको छुट्टी मिल जाएगी। बेटी के इस प्रयास की पूरी गांव सराहना कर रहा है।