हुआ यह है कि बैनाड़ निवासी अशोक वर्मा पत्नी नीलम (26) को प्रसव पीड़ा होने पर शाम पौने पांच बजे कांवटिया अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां ड्यूटी डॉक्टर ने उन्हें करीब डेढ़ घंटे बाद जनाना अस्पताल रैफर कर दिया। गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा।
पति ने कई बार मिन्नतें की, लेकिन डॉक्टरों ने रेफर कर अपनी जिम्मेदारी खत्म करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। थक-हार पति व अन्य परिजन गर्भवती महिला को लेकर मुख्य द्वार के पास बैठ गए। अस्पताल की एंबुलेंस से जनाना अस्पताल पहुंचाने के लिए महिला के पति ने गुहार लगाई थी।
परिजनों का आरोप है कि उन्हें धक्का देकर बाहर निकल दिया गया। इसके करीब 20 से 25 मिनट बाद पौने सात बजे नीलम ने प्रसव पीड़ा झेलते हुए खुले में बच्चे को जन्म दिया। इसकी भनक लगते ही स्टाफ के पसीने छूट गए और आनन- फानन में जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया गया।
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घटना की जानकारी मिलते ही विधायक गोपाल शर्मा अस्पताल पहुंचे। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। साथ ही उन्होंने जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं विधायक ने हर संभव मदद का आश्वासन देने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करवाने की बात कही।