विधायक मनोज न्यांगली के सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने यह जानकारी दी है। न्यांगली ने एक अन्य प्रश्न के जरिए यह भी पूछा था कि अन्य राज्यों से प्रदेश में विवाहित एससी-एसटी श्रेणी की महिलाओं को भी समान श्रेणी के पुरुषों से शादी के आधार पर स्थायी /मूल निवासी मानते हुए आरक्षण के तहत सरकारी नौकरी देने का विचार रखती है?
इस पर सरकार ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सरकार की ओर से स्पष्ट किया कि केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार एससी/एसटी के जो व्यक्ति अपने मूल राज्य से दूसरे राज्य में शिक्षा एवं रोजगार के लिए चले जाते हैं। उनका अनुसूचित जाति / जनजाति का अपना दर्जा बना रहेगा, लेकिन वे अनुसूचित जाति/जनजाति को देय रियायत और लाभ अपने मूल राज्य में पाने के हकदार होंगे, न कि उस राज्य में जहां वे आकर रहने लगे हैं।