सूखा पड़ने की आशंका नहीं
चार महीने के मानसून सीजन की सर्वाधिक बरसात प्रदेश में अगस्त महीने में ही होती है, लेकिन इससे उलट इस बार जून-जुलाई में अच्छी बरसात हो चुकी है। प्रदेश में चार महीने के सीजन में औसतन 435.6 मिमीं बरसात होती है, जबकि 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 385.3 मिमी बरसात हो चुकी है। औसत आकंड़े तक पहुंचने में अब केवल 50 मिमी बरसात होना और शेष है। आगामी दो महीने में बरसात के तीन-चार चरण भी आ जाते हैं तो यह औसत बरसात का आंकड़ा पार हो जाएगा। ऐसे में प्रदेश में सूखा पड़ने की आशंका नहीं है।
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अल-नीनो हुआ प्रभावी
मौसम विभाग के अनुसार प्रशांत अल-नीनो हुआ प्रभावी महासागर में अल-नीनो की स्थितियां बनना शुरू हो चुकी हैं। धीरे-धीरे यह प्रभाव और मजबूत हो रहा है। साथ ही हिंद महासागर में भी आईओडी की सकारात्मक स्थितियां बनेंगी। अल-नीनो का प्रभाव देशभर के मानसून पर पड़ेगा। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से व दक्षिण भारतीय राज्यों में सामान्य से कम बरसात होगी। राजस्थान में अगस्त माह में पश्चिमी हिस्से में सामान्य से सामान्य से कम बरसात होगी, वहीं पूर्वी व दक्षिणी हिस्से में सामान्य बरसात होने के कुछ आसार हैं।रात का तापमान सामान्य से काफी अधिक रहेगा।
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मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने सोमवार को कहा कि जुलाई में अत्यधिक बारिश के बाद मानसून सीजन के दूसरे दौर (अगस्त और सितंबर) के दौरान देश में सामान्य बारिश की संभावना है।