भीलवाड़ा में सोमवार रात से बारिश का दौर मंगलवार दोपहर तक चलता रहा। त्रिवेणी का सोमवार को गेज साढ़े चार मीटर था। मंगलवार सुबह बढ़कर पौने सात मीटर हो गया। इससे त्रिवेणी नदी की पुरानी पुलिया पूरी डूब गई। चित्तौड़गढ़ के गंभीरी बांध के गेट खुले होने और मातृकुंडिया बांध से भी बनास नदी में पानी की आवक के कारण त्रिवेणी का गेज लगातार चढ़ रहा है। इसका सीधा फायदा Bisalpur Dam को मिल रहा है।
बीसलपुर बांध में तेजी से पानी की आवक हो रही है। जल्द ही बीसलपुर बांध भराव की खुशखबरी दे सकता है। बांध बनने के बाद पहली बार 2001 में 311आरएल मीटर का भराव हुआ। वहीं 2004, 2006, 2014, 2016 व 2019 में पूर्ण जलभराव 315.50 आरएल मीटर होने के बाद बनास नदी में पानी की निकासी करनी पड़ी। बनास, बेड़च, मेनाली एवं कोठारी नदियों पर बनी पुलियों पर चार से पांच फीट तक पानी ओन से एक दर्जन से अधिक गांवों का सम्पर्क टूट हुआ है। जेतपुरा बांध भी ऊफान पर है। मंगलवार को जेतपुरा बांध के सभी छह गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। कोठारी बांध पर 8 सेंटीमीटर चादर चल रही है।
ऐतिहासिक तिलस्वां महादेव स्थित पवित्र कुण्ड में पानी आया है। गंगा माता मंदिर 24 घंटो से पानी में डूबा हुआ है। ऐरू नदी ऊफान पर भीलवाड़ा में सुबह आठ बजे समाप्त हुए चौबीस घंटे में सर्वाधिक जेतपुर बांध पर सवा इंच बारिश हुई। जल संसाधन विभाग के मुताबिक चौबीस घंटे में जेतपुरा बांध पर 160, कोठारी 130, जहाजपुर 119, बिजौलियां 106, पारोली 95, शक्करगढ़ 93, मांडलगढ़ 86, डाबला 85, कोटड़ी 80, फूलियाकलां 74, बनेड़ा 70, करेड़ा 67, गुलाबपुरा 64, हमीरगढ़ 54, मांडल 49, गंगापुर 47 तथा भीलवाड़ा 46 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।