बांसवाड़ा जिले में पिछले 24 घंटे में मूसलाधार बारिश का दौर सक्रिय रहा। सीजन में पहली बार जिले के माही बांध में पानी की बंपर आवक होने से बांध के सभी 16 गेट खोलकर पानी की निकासी करनी पड़ी। डूंगरपुर में वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम इस सीजन में पहली बार टापू बन गया। पानी से घिरने पर धाम में श्रद्धालु फंस गए। झालावाड़ में कालीसिंध बांध ओवरफ्लो हो गया। बांध के 5 गेट 4-4 मीटर उंचाई तक खोलकर पानी की निकासी सुबह तक जारी रही। बांध से प्रति सैकेंड 73185 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। हालांकि मध्यप्रदेश में बारिश का दौर धीमा पड़ने से बांध में पानी की आवक अब धीमी पड़ गई है।
मौसम केंद्र के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में अगले दो तीन दिन भारी बारिश होने की आशंका है। वहीं बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जिले में अगले 24 घंटे में अतिवर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिलों में जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है और निचले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। रोजाना तीनों जिलों में जलापूर्ति से बांध के जलस्तर में एक सेंटीमीटर गिरावट होती है लेकिन सहायक नदी त्रिवेणी का जलस्तर 2.50 मीटर पहुंचने से बांध में धीमी रफ्तार से पानी की आवक जारी है। पिछले तीन दिन से बांध का जलस्तर 313.74 आरएल मीटर पर ठहरा हुआ है। बांध की कुल जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भीलवाड़ा और चित्तौड़ जिले में बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में बारिश होने पर सहायक नदियों से बांध में पानी की आवक भी तेज होने की उम्मीद है।