जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल परिसर में बने राजकीय नर्सिंग कॉलेज ने विदेशों की तर्ज पर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित इस उपकरण का हाल ही में कॉलेज प्राचार्य व अन्य शिक्षकों के समक्ष केस स्टडी के आधार पर प्रेजेंटशन दिया गया। कॉलेज अब इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है। कॉलेज में यह उपकरण लाइब्रेरी में रखी जाएंगे। पहले स्टूडेंट को कॉलेज की लैब में इससे अध्ययन करवाया जाएगा। इसके बाद लाइब्रेरी से पुस्तकों की तरह रोटेशन के हिसाब से स्टूडेंटस को घर या हॉस्टल के लिए भी अध्ययन के लिए दिया जाएगा। इस एक उपरकण की कीमत करीब 15 से 20 हजार रुपये है।
सिमुलेशन लैब से कम, मगर व्यावहारिक ज्ञान के नजदीक यह पूरी तरह प्रेक्टिकल अभ्यास नहीं होगा, लेकिन इससे पहले एक डेमो की तरह होगा जो व्यावहारिक ज्ञान के बेहद करीब तक ले जाएगा। यह सिमुलेशन लैब से एक सीढ़ी नीचे होगा। सिमुलेशन लैब में एक ऐसे कृत्रिम शरीर पर इंजेक्शन लगाने या डिलीवरी केस किए जाते हैं, जो इस प्रक्रिया के दौरान मानव शरीर की तरह ही प्रतिक्रिया करते हैं।
वर्जन यह चिकित्सा शिक्षा में एक नवाचार है। कॉलेज में इसका प्रेजेंटेशन हो गया है। राज्य सरकार के पास इसका प्रस्ताव भेजेंगे। इसमें लागत भी बहुत ज्यादा नहीं है। जोगेन्द्र शर्मा, प्राचार्य, राजकीय नर्सिंग कॉलेज एवं डीन नर्सिंग आरयूएचएस