प्रबोधन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, सदन एक परिवार की तरह चलता है
राजस्थान विधानसभा के नए सदस्यों के लिए आज मंगलवार को वर्कशॉप यानि प्रबोधन कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पहुंच चुके हैं। जिनका भव्य स्वागत किया गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित करेंगे।
राजस्थान के विधायकों के लिए आज होने वाला प्रबोधन कार्यक्रम यानि प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जयपुर पहुंच गए हैं। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी इस कार्यक्रम को आज सम्बोधित करेंगे। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बताया नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए एक दिन का प्रबोधन कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे से चलेगा। जिसका समापन सत्र शाम 4 बजे होगा। कार्यशाला का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। कार्यक्रम के शुरूआत में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा यह प्रबोधन कार्यक्रम सभी विधायकों के लिए उपयोगी है। हमें सदन में ऐसा व्यवहार करना चाहिए की जनता के बीच अच्छा संदेश जाए। अपना व्यवहार शालीन रहना चाहिए। सदन में मनभेद न हो ऐसा व्यवहार बनाना चाहिए।
अब सब कुछ मुमकिन है – उपराष्ट्रपति
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा सबसे मुश्किल कब आती है जब आप उन लोगों के सामने बोलते हो जो आपको अच्छी तरह जानते हैं, मुझे यहां बहुत कुछ सीखने को मिला है। राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से बहुत बड़ा है। वहां का सीएम होना बहुत बड़ी बात है और यह पद उन्हें जिस तरह से मिला है उसे साबित हो गया है कि अब सब कुछ मुमकिन है।
मुझे उम्मीद है आप इस पर खरे उतरेंगे – उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम को कहा कि कम समय में मिली थोड़ी लोकप्रियता को आगे बढ़ना और बचाना आपकी जिम्मेदारी है। मुझे उम्मीद है आप इस पर खरे उतरेंगे।
बिरला जी ने कहा जब कुर्सी पर बैठे तो सबसे पहले बाई तरफ देखो – उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति की वजह से मैं राज्यसभा का स्पीकर हूं। राजस्थान का परम सौभाग्य की ओम बिरला वहां है। हम दोनों में विचार मंथन होता रहता है। बिरला जी ने कहा कि जब कुर्सी पर बैठे तो सबसे पहले बाई तरफ देखो। दिल बाईं तरफ होता है और मैं सदैव उसका पालन किया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, सामने वाला विरोधी नहीं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पक्ष हो या विपक्ष हो प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। सदन एक परिवार की तरह चलेगा। सत्ता पक्ष को हमेशा यह ध्यान रखना पड़ेगा, सामने वाला विरोधी नहीं है। सामने वाले जो बात कहता है वह जनहित की है। ऐसा संकेत मुझे सीएम के भाषण में मिला है।
सीएम भजनलाल शर्मा ने ने आगे कहा कि विधानसभा में पहुंचने के बाद हमारा दायित्व तंत्र को पूरे प्रदेश तक विस्तृत हो जाता है। विधायक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह केवल अपने क्षेत्रीय समस्याओं तक सीमित नहीं रहें। बल्कि संपूर्ण राजस्थान की समस्याओं पर भी अपने विचार प्रस्तुत करें। यह सदन सबका है यह पक्ष-विपक्ष का नहीं है। यह सदन हमारा है, यह सदन एक ऐसा मंच है जहां जनता की अपेक्षाओं को प्रभावी ढंग से उठाकर अपनी भूमिका तय कर सकते हैं।
इससे पूर्व प्रबोधन कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए हमें संसदीय कार्यों की बेहतर समझ विकसित करने का मौका मिलेगा। बीते वर्षों में संसदीय प्रक्रिया के तहत कोई भी सदस्य जनता की शिकायतों को प्रबलता से उठा सकता है। हमारा दायित्व है कि हम समाज के सामने बुद्धिमानी और वीर पूर्ण तरीके से उपयोग करें। विधानसभा का समय बहुमूल्य है, इसके कामकाज का असर करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है।
विधायकों के लिए कार्यशाला बहुत उपयोगी रहेगी
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बताया, सदन में 73 विधायक ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। इन विधायकों के लिए यह कार्यशाला बहुत उपयोगी रहेगी। इस वर्कशॉप में सदन के सभी सदस्यों को बुलाया गया है। देश की संसद के दोनों सदनों में चेयर संभालने वाले चेहरे राजस्थान मूल के हैं। ऐसे में विधायकों के लिए इस सत्र की महत्ता और उपयोगिता बहुत बढ़ जाती है।