इस बीच उपराष्ट्रपति चुनाव और राजस्थान के इतिहास के पन्नों को पलटें तो प्रदेश आज के इस ख़ास दिन पूर्व उप राष्ट्रपति रहे दिग्गज भाजपा नेता भैरोंसिंह शेखावत को भी याद कर रहा है। वो भैरोंसिंह ही थे, जिन्होंने देश के इस उच्च संवैधानिक पद तक पहुंचकर ना सिर्फ राजस्थान का मान ही बढ़ाया, बल्कि इस पद पर भारतीय जनता पार्टी का वर्षों से चला आ रहा ‘सूखा’ ख़त्म करके खाता भी खोला।
उप राष्ट्रपति बनने वाले पहले भाजपा नेता
राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत उप राष्ट्रपति बनने वाले पहले भाजपा नेता रहे। उनसे पहले 4 नेता कांग्रेस से, 5 निर्दलीय से और 1 बार जनता दल के नेता को उप राष्ट्रपति बनने का मौक़ा मिला।
भैरोंसिंह से पहले उपराष्ट्रपति बनने वाले नेताओं में सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ज़ाकिर हुसैन, वीवी गिरी, गोपाल स्वरुप पाठक (सभी निर्दलीय), बीड़ी जट्टी (कांग्रेस), मोहम्मद हिदायतुल्लाह (निर्दलीय), रामास्वामी वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायणन (सभी कांग्रेस) और कृष्ण कान्त (जनता दल) शामिल रहे।
सुशील कुमार को हराया था
उपराष्ट्रपति पद के लिए वर्ष 2002 में हुए चुनाव में भैरोंसिंह के सामने यूपीए ने सुशील कुमार शिंदे को उम्मीदवार खड़ा किया था, लेकिन शिंदे को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। तब चुनाव के दौरान कुल 750 वोट पड़े थे और 149 वोट के फासले ने भैरोंसिंग ने शिंदे को शिकस्त दी थी।
राजनीति के साथ ही आम जनता के बीच ‘बाबोसा’ की पहचान रखने वाले भैरोंसिंह ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल के दौरान 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007 तक इस गरिमामयी पद का निर्वहन किया। उनके बाद मोहम्मद हामिद अंसारी का कार्यकाल शुरू हुआ।
राष्ट्रपति के लिए भी जताई थी दावेदारी
उपराष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा वक्त भी आया जब भैरोंसिंह शेखावत ने देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति पद के लिए भी किस्मत आज़माई थी। उन्होंने इस महत्वपूर्ण पद के लिए एनडीए की ओर से बतौर निर्दलीय अपना पर्चा भी दाखिल किया था। हलाकि उन्हें इस बार कामयाबी नहीं मिली और वे यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा देवी सिंह पाटील से हार गए।
… तो फिर से राजस्थान से होगा उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति के लिए इस बार के चुनाव में राजस्थान के शेखावाटी से ताल्लुक रखने वाले नेता जगदीप धनकड़ एनडीए के उम्मीदवार हैं। संसद के मौजूदा सांसदों की संख्या के ‘गणित’ के आधार पर उनका ही उप राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो भैरोंसिंह के बाद धनकड़ इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर आसीन होने वाले राजस्थान के दूसरे नेता होंगे।