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जयपुर

DG-IG Conference का उद्घाटन: केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा, नए कानून सबसे बेहतर, इन्हें लागू करने से पहले थाने से मुख्यालय तक हो प्रशिक्षण

Inauguration Of DG-IG Conference: 58वें तीन दिवसीय पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक (डीजी-आईजी) सम्मेलन का शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया।

जयपुरJan 06, 2024 / 09:06 am

Nupur Sharma

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Inauguration Of DG-IG Conference: 58वें तीन दिवसीय पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक (डीजी-आईजी) सम्मेलन का शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा कि नए कानूनों को पढ़ें और थाना स्तर तक इसकी क्रियान्विती बेहतर रूप से कराएं। अंग्रेजों की गुलामी वाली शिक्षा व कानून से छुटकारा मिला है। नई शिक्षा नीति और तीन नए कानून अमृतकाल की उपलब्धि है। उद्घाटन सत्र में ही केन्द्रीय आईबी के अधिकारियों को मेडल दिए। इसके साथ ही देश के शीर्ष तीन थानों को ट्रॉफी दी गई।

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शाह दोपहर में एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वे सीधे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नए कानूनों को लेकर कहा कि पांच साल की मेहनत कर तैयार किए गए हैं। इनकी पालना के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। नए कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं। इनके कार्यान्वयन से आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। उन्होंने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए थानेदार से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से पुलिस मुख्यालय स्तर तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की जरूरत बताई।

शाह ने देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार बताया। कहा कि तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट जम्मू- कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। हाइब्रिड मोड में आयोजित सम्मेलन में डीजी-आईजी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं, वहीं देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हैं। उद्घाटन सत्र में प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए। सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा, साइबर-खतरे, कट्टरपंथ, पहचान दस्तावेजों को धोखाधड़ी से जारी करना और एआई से उत्पन्न होने वाले खतरों सहित महत्वपूर्ण महत्व के सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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सभी राज्यों की एटीएस का स्वरूप हो एक समान
शाह ने कहा कि आतंकवाद सभी राज्यों के लिए गम्भीर मुद्दा है। इससे लड़ने के लिए किसी राज्य में एटीएस तो किसी में एसटीएफ बनी हुई है। जरूरत यह है कि सभी राज्यों में एटीएस एक जैसी हो। सभी एक मंच पर जानकारियां सांझा करें। इससे आतंकवाद से लड़ने में आसानी रहेगी।

थानों में दर्ज रिकॉर्ड का करें उपयोग
केन्द्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा कि थानों का कम्प्यूटराइजेशन हो रहा है। थानों में दर्ज होने वाले अपराध और अन्य जानकारी सभी साझा करें। यह सब एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होनी चाहिए।

https://youtu.be/aooNEB3KVPI

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