मां की आवाज पर बोली नीरू…
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जवानों ने जब सुबह बच्ची की परिजनों से माइक और कैमरों के से बातचीत करवाकर रिंग के जरिए निकालने के लिए हाथ ऊपर करने को लेकर बार-बार उसे पुकारा गया। मासूम की मां और बड़ी बहनों ने नीरू को इसके लिए माइक से आवाज लगाई। नीरू को जैसे ही उसकी मां ने आवाज लगाई तो मासूम बच्ची ने कहा मम्मी आजा। इस पर वहां मौजूद एनडीआरएफ के जवान और लोग भावुक हो गए। टीमों के द्वारा बोरवेल में फंसीं बच्ची को दूध, पानी, बिस्किट, चाॅकलेट, केले भेजे गए। हालांकि बच्ची थोड़ा पानी और दूध ही पी सकी।
रातभर बारिश के बीच जुटा रहा राहत दल
नीरू को बोरवेल से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन बुधवार शाम शुरू हुआ। रेस्क्यू सुबह दस बजे तक लगातार जारी रहा। इस दौरान रात में कई बार बारिश से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान बिना रूके व थके लगातार जुटे रहे। एक ओर मिट्टी की खुदाई कर पाइप डालकर टनल के जरिए खुदाई का कार्य जारी रखा तो दूसरी ओर बोरवेल के अंदर रिंग डालकर बच्ची को निकालने के लिए लगातार प्रयास जारी रखा।
बार-बार पकड़ती रिंग लेकिन…
बोरवेल के अंदर बच्ची भी जीवन और मौत से लड़ती नजर आई। बिना थके और बिना सोए बच्ची भी बोरवेल में अटकी रही। रेस्क्यू के दौरान जब बच्ची हाथ ऊपर करती तो वैसे ही रिंग के द्वारा मासूम को बाहर निकालने का प्रयास होता। मासूम हाथ बढ़ाती, लेकिन कई बार प्रयास करने पर भी रिंग बच्ची के हाथ में नहीं आ पाने के कारण यह रेस्क्यू सफल नहीं हो सका। करीब सवा दस बजे रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हुआ और टनल के जरिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने बच्ची को बाहर निकाला।