प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, झालावाड़ में रवि जैन, जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण में आलोक, दूदू में आरती डोगरा, जालौर में विश्व मोहन शर्मा, सांचौर में शैली किशनाराम, झुंझुनू में डॉक्टर समित शर्मा, जैसलमेर गायत्री राठौर, डूंगरपुर में राजेंद्र विजय, कोटा टी रविकांत, बारां में डॉक्टर जोगाराम, बीकानेर में नवीन जैन को लगाया गया है।
वहीं, भरतपुर में शुचि त्यागी, पाली में पीसी किशन, डीडवाना में कन्हैयालाल स्वामी, सीकर में श्रेयागुहा, नीमकाथाना इंदरजीत सिंह, सिरोही में पूनम, सवाई माधोपुर में संदीप वर्मा, गंगापुर सिटी में महेंद्र सोनी को लगाया गया है. इसी प्रकार राजसमंद में विकास सीताराम भाले, ब्यावर में कृष्ण कुणाल, टोंक में अर्चना सिंह, सलूंबर में लक्ष्मण सिंह कुड़ी, करौली में आशुतोष एटी पेंडनेकर , बालोतरा में कुमारपाल गौतम, केकड़ी में डॉक्टर पृथ्वी को लगाया गया है।
साथ ही अजमेर में अपर्णा अरोड़ा, कोटपूतली बहरोड एवं खैरथल तिजारा में नकाते शिव प्रसाद मदन, अलवर में अमिताभ शर्मा, श्रीगंगानगर में वैभव गालरिया, बांसवाड़ा में धर्मेंद्र भान चतुर्वेदी, दौसा में भवानी सिंह देथा, शाहपुरा में जितेंद्र कुमार सोनी, नागौर में कुलदीप रांका, बाड़मेर में सुधीर कुमार, उदयपुर में आनंदी, फलोदी में करण सिंह को लगाया गया है।
वहीं, चित्तौड़ में भानु प्रकाश एटरू, चूरू में भास्कर ए सांवत को लगाया गया है. इसी प्रकार डीग में वी सरवन कुमार, प्रतापगढ़ में वीपी सिंह, जोधपुर और जोधपुर ग्रामीण में दिनेश कुमार, धौलपुर में पी रमेश, बूंदी में कुंजीलाल मीणा, भीलवाड़ा में नवीन महाजन, अनूपगढ़ में ओमप्रकाश बुनकर, हनुमानगढ़ में डॉक्टर रवि कुमार सुरपुर को लगाया है।
आपको बता दें कि राज्य के प्रशासनिक तंत्र और नौकरशाही में जिलों के प्रभारी सचिव बहुत महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। वे जिलों में सरकारी योजनाओं और स्थानीय प्रशासन के विषय में सरकार और राजनीतिक नेतृत्व (मुख्यमंत्री) के लिए आंख-कान होते हैं।
इनके द्वारा प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने का काम किया जाता है और पात्र व्यक्तियों तक योजना का लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रभारी सचिव की होती है। सभी प्रभारी सचिव महीने में 2 दिन अपने प्रभाव वाले जिले में समय व्यतीत करते हैं। आम जनता के बीच पहुंच कर उन्हें योजना से जोड़ने ओर जागरूक करने का काम करते हैं।