बिजली कटौती से व्यापारी चिंतित, सरकार को घरेलू उत्पादन बढ़ाने की जरूरत
गर्मी की अभी पूर्ण रूप से शुरूआत भी नहीं हुई है और प्रदेश में बिजली संकट मंडराने लगा है। पिछले साल भी कोयले की कमी एवं ग्रीड्स में तकनीकी खराबी के चलते बिजली संकट ने विकराल रूप ले लिया था तथा घरेलू व व्यवसायिक बिजली कटौती के साथ-साथ उद्योगों पर कटौती की गई, जिससे विभिन्न उत्पादों के उत्पादन में भारी कमी का सामना करना पड़ा था। राज्य में अभी से ही ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में एक से दो घंटों की कटौती के साथ-साथ अघोषित कटौती भी प्रारम्भ हो गई है तथा संभव है कि यदि हालात ना सुधरे, तो इस कटौती का समय बढ़ाया जा सकता है और व्यवसायिक एवं औद्योगिक बिजली कटौती भी संभव है।
हर घर सोलर लक्ष्य को हासिल करना बड़ी चुनौती आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई ने कहा कि देश में सोलर पैनलों की कमी के कारण हर घर सोलर के लक्ष्य को हासिल करना बहुत बड़ी चुनौती है और इस बिजली संकट को तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता है, जब तक कि हर घर अपनी आवश्यकता की बिजली का उत्पादन सोलर के माध्यम से स्वयं ना करे।
सोलर पैनलों के लिए रियायतों के दायरे को बढ़ाया जाए आरतिया के मुख्य संरक्षक आशीष सराफ ने सरकार से मांग रखी कि छतों पर सोलर पैनलों के लिए रियायतों के दायरे को बढ़ाया जाना चाहिए तथा नकद सब्सिडी, ऋण व्यवस्था व अन्य उपायों द्वारा लोगों को सोलर लगाने हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए। देश में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पैनल भारतीय निर्माताओं से क्रय किए जावे, राजस्थान में पैनल निर्माता निर्माण के कारखानों को विशेष छूट प्रदान की जावे, जिससे इनके उत्पादन को बल मिलेगा।
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