भाजपा-कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने बनाई दूरी वहीं प्रदेश में भाजपा- कांग्रेस से जुड़े प्रमुख जनप्रतिनिधियों नेताओं ने केसरिया पंचायत से दूरी बनाए रखी। कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी, जयपुर ग्रामीण से भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई प्रमुख राजपूत नेता भी इस कार्यक्रम में नहीं आए, जो कि चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि सुखदेव सिंह गोगामेडी का कहना है कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था हमने सब को निमंत्रण दिया था यह सब समाज का कार्यक्रम है और सर्व समाज के लोग हजारों की तादाद में इसमें शामिल हुए हैं।
सतयुग से मिलता है हमारा इतिहास यूपी से भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह ने केसरिया महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि राजपूत समाज का इतिहास सतयुग से शुरू होता है, हमारा इतिहास त्रेता, द्वापर और कलयुग में भी मिलता है अब हमें समय के साथ अपने आप को बदलना पड़ेगा। हमारा क्या योगदान हो सकता है हमारी आवश्यकता है कहां है, उस आवश्यकता में हम कहां फिट बैठते हैं इस पर हमें चिंतन मंथन करना होगा।
वक्ताओं ने कहा कि राजपूत समाज सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं, इस तरह के आयोजनों से समाज मजबूत होता है। देश को इसकी खोई हुई भी प्रतिष्ठा कोई दिला सकता है तो वह राजपूत समाज ही है। वही उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी को एकजुट होना होगा। हमारी पूर्व की गलतियों की वजह से हम 1000 साल तक गुलाम रहे लेकिन ऐसी गलती अब नहीं करनी है, बाकी पूरे देश में रामराज्य स्थापित होगा और इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की मजबूती के लिए 2 की बजाय चार बच्चे पैदा करने चाहिए।
-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड के गठन की मांग
-राजपूत समाज के इतिहास और महापुरुषों की पहचान से छेड़छाड़ नहीं हो
-ईडब्ल्यूएस आरक्षण 10 फ़ीसदी से बढ़ाकर 14 फ़ीसदी करने की मांग
-सभी विश्वविद्यालयों में ईडब्ल्यूएस छात्रावास की मांग
-केंद्र सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस संबंधित जमीन, मकान, प्लॉट की शर्ते हटाई जाएं
-पंचायती राज, स्थानीय निकाय और सभी चुनावों में ईडब्ल्यूएस के तहत अन्य आरक्षित वर्गों के अनुसार कोटा निर्धारित करने की मांग
-सामान्य आर्थिक कमजोर वर्ग के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विशेष आर्थिक सहायता पैकेज मिले।