मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सुबह 11 बजे इसका लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण समारोह में नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा करेंगे। इस सफारी के शुरू होने बाद जयपुर देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां लेपर्ड, लॉयन व एलिफेंट के बाद अब टाइगर सफारी भी की जा सकेगी।
45 मिनट की सफारी, 252 रुपए शुल्क डीएफओ
डीएफओ जगदीश गुप्ता ने बताया 8 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक बनाया गया है। सैलानी वाहन में बैठकर 45 मिनट तक सफारी का आनंद ले सकेंगे। सैलानी को 252 रुपए का शुल्क देना होगा, जिसमें जैविक उद्यान का प्रवेश शुल्क 52 रुपए शामिल है। पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
30 वर्ग हेक्टेयर भूमि में 4.5 करोड़ रुपए की लागत से यह टाइगर सफारी तीन महीने पहले तैयार हो गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने इसे शुरू करने में रुचि नहीं दिखाई। राजस्थान पत्रिका ने हाल ही इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारी सक्रिय हुए और इसे शुरू करने का खाका तैयार किया गया।
पुरानी गाड़ियों से होगी शुरुआत
टाइगर सफारी में पहले से संचालित पुराने कैंटर का उपयोग किया जाएगा। हालांकि, नए वाहनों के लिए टेंडर निकाले गए थे, लेकिन उनके आने में समय लगेगा। वन अधिकारियों का कहना है कि पुराने वाहन फिलहाल इस्तेमाल में लाए जाएंगे। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि ये वाहन कंडम हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अब भी चल रहे हैं। इन्हें हटाना आवश्यक है, क्योंकि ये अक्सर खराब भी होते रहते हैं।