दरअसल यहां के रहने वाले एक बिजनेस मैन नरेंद्र पुरोहित जो कि मुंबई महानगर पालिका में कॉन्ट्रैक्टर है। उन्हे बचपन से ही गायों से लगाव था। वह पास की ही एक पथमेड़ा गौशाला में भी आया जाया करते थे। करीब 7 साल पहले उन्हें गाय पालने का विचार आया। बस उसी दिन वो गौशाला से गाय लेकर आ गए। शाही लवाजमे के साथ गाय को घर पर लाया गया। नरेंद्र ने अपने गुरु महाराज से आशीर्वाद लेकर गाय का नाम राधा रखा। इसके बाद से गाय की सेवा करना शुरू कर दिया। गाय लाने के बाद से ही नरेंद्र पुरोहित का बिजनेस और भी अच्छा हो गया। इसके बाद वह अपनी गाय राधा के भक्त हो गए और फिर राधा उनके परिवार की एक सदस्य ही हो गई।
दिन होने पर रोजना पूरा परिवार सबसे पहले राधा की आरती करता है। उसके बाद सब अपने अपने काम पर जाते हैं। राधा के लिए बंगला बनाया गया है जिसकी लागत एक करोड़ रुपए के करीब है। गाय इसी बंगले मं रहती है। समझादार इतनी है कि हर छोटी बड़ी बात ईशारों से समझाती है। चाकरी में चार पांच आदमी हमेशा रहते हैं। पुरोहित का कहना है कि देसी घी में ही राधा के लिए खाना बनता है। लापसी, लड्डू, चपाती सब देसी घी में ही तैयार करते हैं। पुरोहित का कहना है कि राधा के आर्शीवाद से ही उन्होनें नया कारोबार शुरु किया है। हाल ही में पुरोहित ने ई व्हीकल की एक फैक्ट्री अहमाबाद में डाली है। उसका नाम राधा की नस्ल पर ही रखा गया है। फैक्ट्री के प्रोडक्ट को सुरभि नाम दिया गया है।