ऐसे हो रही परेशानी
जिस विभाग की ओपीडी में मरीज को दिखाना है, अब उसके काउंटर से ही पर्ची बन रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए आते हैं। जानकारी नहीं होने पर या फिर गफलत में कई मरीज दूसरे विभाग की कतार में खड़े हो जाते हैं। लंबे इंतजार के बाद जैसे ही उनका नंबर आता है तो पर्ची बनाने से इंकार कर दिया जाता है। ऐसे में मरीज या परिजन को संबंधित विभाग के काउंटर की कतार में फिर से लगना पड़ता है। इसके अलावा कुछ काउंटरों पर अधिक और कुछ पर कम भीड़ रहती है। ऐसे में मरीज कम भीड़ वाले काउंटर की कतार में खड़ा हो जाता है, लेकिन नंबर आने पर मरीज को बताया जाता है कि वह गलत काउंटर पर खड़ा है। वहीं, कम भीड़ वाले काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करने वाला कर्मचारी खाली बैठा रहता है और अधिक भीड़ वाले काउंटर पर मरीज जूझते रहते हैं।
पर्ची बनवाने में लगे डेढ़ घंटे
सीकर से आए एक मरीज के परिजन ने बताया कि उसके पिता को हार्ट की दिक्कत है। रजिस्ट्रेशन के लिए हर बार की तरह इस बार भी तीन नंबर काउंटर पर कतार में लग गया। नंबर आया तब पर्ची नहीं बनाई। वहां से 9 नंबर काउंटर पर गया तब पर्ची बनी। इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगा।
मरीजों की सुविधा के लिए ही यह व्यवस्था लागू की गई है। जैसे ही मरीज और परिजन को इसकी जानकारी हो जाएगी तो परेशानी कम हो जाएगी। इसके बाद भी यदि परेशानी रहती तो इस व्यवस्था पर विचार किया जाएगा।
– डॉ. अचल शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल