scriptडॉट म्यूरल आर्ट बनाकर इंडिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में द कुलिश स्कूल का नाम दर्ज | The Kulish School registered its name in the India Book of Records by creating dot mural art | Patrika News
जयपुर

डॉट म्यूरल आर्ट बनाकर इंडिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में द कुलिश स्कूल का नाम दर्ज

द कुलिश स्कूल ने शुक्रवार को सबसे बड़ी डॉट म्यूरल आर्ट बनाकर इंडिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। इस रिकॉर्ड को बनाने में 95 विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर पार्टिसिपेट किया।

जयपुरDec 20, 2024 / 10:44 pm

Kamlesh Sharma

The Kulish School
जयपुर। द कुलिश स्कूल ने शुक्रवार को सबसे बड़ी डॉट म्यूरल आर्ट बनाकर इंडिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। इस रिकॉर्ड को बनाने में 95 विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर पार्टिसिपेट किया। इस रिकॉर्ड को आर्ट टीचर नेहा के नेतृत्व में बनाया गया है। प्रिंसिपल देबाशीष ने बताया कि डॉट म्यूरल आर्ट का आइडिया ‘द डॉट’ किताब से इंस्पायर है। इसकी तैयारी अगस्त से चल रही थी। लेकिन दिसंबर में तैयार किया गया है। इसमें बच्चों से लेकर शिक्षकों ने डॉट बनाने में योगदान दिया है।
163.56 फीट लंबी आर्ट में इसमें शेड्स ऑफ ब्ल्यू, ब्राउन,रेड, ब्लैक और व्हाइट रंग का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कागज के डॉट भी लगाए गए हैं। डॉट म्यूरल आर्ट को बनाने की शुरुआत सुबह 9.30 बजे हुई, दोपहर 2 बजे तक तैयार किया गया। 130 जजों ने इसे जज किया। इसे कॉरिगेटेड पेपर पर बनाया गया। बच्चों ने शुक्रवार सुबह से आर्ट के साथ संवाद किया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के निर्णायक के रूप में भुवनेश मथुरिया ने इसकी घोषणा की।
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7 वीं कक्षा तक प्रवेश शुरू

‘द कुलिश स्कूल’ में नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नर्सरी से कक्षा 7 तक के एडमिशन किए जा रहे हैं। स्कूल को इस सत्र से सातवीं कक्षा तक अपग्रेड कर दिया गया है। प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए फोन नंबर 9057531015 पर संपर्क कर सकते हैं।
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2050 के विजन के साथ संचालित हो रहा द कुलिश स्कूल

स्कूल की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी ने वर्ष 2050 को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के लिए सिलेबस तैयार किया है। बच्चों में सोचने और उनकी मूल अवधारणाओं को समझने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से योग्यता प्राप्त शिक्षकों की देखरेख में विभिन्न प्रकार की लैबोरेट्रीज बनाई गई हैं।
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ये वि‌द्यार्थियों की वर्ष 2050 की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ उनकी इंजीनियर, वैज्ञानिक, विचारक, जिज्ञासु, कलाकार, कवि, लेखक आदि बनने के सपनों को साकार करने की क्षमताएं बढ़ाएंगी। प्रिंसिपल देबाशीष ने बताया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने स्कूल का शुभारंभ किया था। प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की ओर से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। द कुलिश स्कूल की ओर से स्कूली शिक्षा को आनंदमय और मूल्यवान बनाने का अ​भियान शुरू किया गया है।
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