जांच अधिकारी एडिशनल डीसीपी (सिकाउ) पूनम चंद विश्नोई और एडिशनल डीसीपी (साउथ) पारस जैन ने बताया कि आरोपी तनुज चाहर परिवादिया और अपह्त बालक पृथ्वी उर्फ कुक्कु को अपने पास रखना चाहता था। लेकिन परिवादिया आरोपी के साथ नही जाना चाहती थी। इसलिए उसने योजना के तहत परिवादिया के नाबालिग पुत्र को अपने साथियों के साथ मिलकर परिवादिया के घर आकर जबरन अपहरण करके ले गया। तनुज परिवादिया से बात मनवाने के लिए धमकी दे रहा था और रंजिश की वजह से आरोपी को नौकरी से भी निलंबित होना पड़ा, लेकिन अपनी जिद नही छोड़ रहा था।
आरोपी तनुज चाहर को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम को 22 अगस्त को मथुरा, अलीगढ़ आगरा पहुंची। सूचना मिली थी कि तनुज ने दाढ़ी बढ़ा ली है और वह साधु का चोला पहनकर वृंदावन के परिक्रमा मार्ग व युमनाजी के खादर क्षेत्र में कुटिया बनाकर रहता है। पुलिस टीम से बचने के लिए आरोपी ने साधु का भेष बदल लिया। इसे देखते हुए विशेष टीम ने भी अपना रुप परिवर्तन कर साधु के भेष में रहना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी भजन गान करते हुए साधु के वेश में रहने लगे। 27 अगस्त को सूचना मिली कि तनुज अलीगढ़ गया है। इस पर पुलिस आरोपी को पकड़ने पहुंची तो वह अपह्त बालक को गोद में लेकर खेतों में भागने लगे। पुलिस ने 8 किलोमीटर का पीछा कर उसे पकड़ लिया।