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जयपुर

आगामी पांच वर्ष में राजस्व 25 हजार करोड़ और 1 करोड़ को रोजगार देने का लक्ष्य

राज्य के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में खनिज क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2029-30 तक 3.4 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी और साल 2046-47 तक 6 से 8 फीसदी तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ‘राजस्थान खनिज नीति 2024’ ला रही है। नई नीति के तहत आगामी पांच वर्ष में खनन क्षेत्र तीन गुना बढ़ाकर राजस्व 7460 करोड़ से 25 हजार करोड़ तक पहुंचाने और 1 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।

जयपुरSep 12, 2024 / 05:35 pm

GAURAV JAIN

राज्य में नई खनन नीति-2024 का ड्राफ्ट तैयार, इन्वेस्टमेंट समिट से पहले होगा जारी

जयपुर. राज्य के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में खनिज क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2029-30 तक 3.4 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी और साल 2046-47 तक 6 से 8 फीसदी तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ‘राजस्थान खनिज नीति 2024’ ला रही है। नई नीति के तहत आगामी पांच वर्ष में खनन क्षेत्र तीन गुना बढ़ाकर राजस्व 7460 करोड़ से 25 हजार करोड़ तक पहुंचाने और 1 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। देश में अभी खनिज उत्पादन में ओडिसा और छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में 58 प्रकार के खनिजों का खनन हो रहा है। इसमें 22 मेजर और 36 माइनर मिनरल शामिल हैं।
नई खनिज नीति को लेकर खान विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। प्रदेश में दिसंबर में होने वाली इन्वेस्टमेंट समिट से पहले पॉलिसी जारी की जाएगी। इससे पहले प्रदेश की खनिज पॉलिसी 2015 में आई थी, लेकिन अब खनिज क्षेत्र में नई तकनीक के इस्तेमाल और अन्य कई बदलावों को देखते हुए नई खनिज नीति को लेकर विभाग मशक्कत में लगा है। नई पॉलिसी को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भी तीन साल से अधिक मशक्कत चली, लेकिन जारी नहीं हो सकी। अब नई नीति को लेकर 22 सितंबर तक जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं।
खनन को गति देने में चुनौतियां

– खनिजों की खोज के लिए नई तकनीकों को अपनाने की धीमी गति

– अनुसंधान संस्थानों और खनन उद्योग के बीच सहयोग की कमी

– विभागीय क्षमता बढ़ाना और आरएसएमईटी निधियों का उपयोग
नई नीति में इस पर रहेगा जोर

राज्य के भूमि अभिलेखों में खनिज युक्त क्षेत्रों को ‘खनन भूमि’ या ‘खनिज संभावित भूमि’ के रूप में चिह्नित करने के लिए राजस्व विभाग के साथ काम
– प्रमुख खनिजों के लिए केंद्र की नीति के अनुरूप, खनिज अन्वेषण में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना

– गहरे खनिजों की खोज के लिए तकनीकी और वित्तीय क्षमताओं वाली जूनियर अन्वेषण कंपनियों की भागीदारी
– नीलामी के लिए ब्लॉकों की संख्या बढ़ाने के लिए बाजार की मांग के आधार पर एनएमईटी और आरएसएमईटी फंड का उपयोग करके जी2-जी3 स्तर की खोज करना।

– बेस मेटल ब्लॉकों में आगे की खोज कर जीएसआई और एमईसीएल से गैर-नीलामी योग्य ब्लॉकों को पुनर्गठित कर खोजे गए क्षेत्रों की नीलामी को बढ़ाना
– खोज को गति देने को मशीनरी, प्रयोगशाला उपकरण, यंत्र, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना

– खनिज प्रसंस्करण प्रयोगशालाओं का पुनर्गठन और पुनर्स्थापन करना

– खनिज संसाधनों के निकट औद्योगिक विकास और निवेश बढ़ाने के लिए राज्य पोर्टल पर जानकारी देना
– विभिन्न अनुमोदनों और गतिविधियों के लिए समय सीमा को तर्कसंगत बनाना।

– अवैध खनन को कम करना

प्रदेश में खानों की स्थिति

मेजर मिनरल – 148

माइनर मिनरल – 16817
क्वारी लाइसेंस – 17454

देश के खनिजों में राजस्थान की हिस्सेदारी (फीसदी में)

पोटाश – 94

लैड-जिंक – 89

सिल्वर ओर – 88

वॉल्स्टोनाइट – 88

जिप्सम – 82
बेन्टोनाइट – 75

फेल्सपार – 74

मार्बल – 63

कॉपर ओर – 52

सोप स्टोन – 49

रॉक फास्फेट – 30

फ्लूयराइट – 27

वित्तीय वर्ष 2023-24 में टॉप 5 मिनरल से मिला राजस्व (करोड़ में)
लैड-जिंक 2419

लाइम स्टोन – 823

लिग्नाइट – 89

आयरन ओर – 101

कॉपर ओर – 32

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