कार्यक्रम में रवीन्द्र मंच प्रबंधक शिप्रा शर्मा ने गजल तारीख के आईने में विषय पर की.नोट एड्रेस पेश किया। उन्होंने कहा कि उर्दू जबान को बोलना सुनना पढऩ़ा और सीखना इससे मोहब्बत करने जैसा है। यह जुबान सिर्फ ख्यालों की अदायगी और कम्यूनिकेशन का माध्यम ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति की जीती जागति तस्वीर है।
जाने.माने अभिनेता अभिनव चतुर्वेदी ने बताया कि एम सईद आलम ने इस नाटक की स्क्रिप्ट लिखी है, उन्हें यह पता था कि मैंने उर्दू की तालिम ली है। ऐसे में उन्होंने मुझे नाटक से जोड़ा। यह मेरे लिए चैलेंज की तरह था, जिसके जरिए ऐसी शख्सियत को सामने लाना था, जिसके शब्दों के सम्मोहन से हर कोई जुड़ जाता है। हमने इसके लिए खूब तैयारी की और कोरोना काल में इसकी एक वर्चुअल प्रस्तुति भी दी।