निजी कोचिंग संस्थानों को कानून के दायरे में लाने की याचिका
कोटा में निजी कोचिंग संस्थानों के नियमन और उनके लिए न्यूनतम मानक तय करने के लिए कानून बनाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, समस्या अभिभावकों की है, कोचिंग संस्थानों की नहीं।
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परीक्षाएं प्रतिस्पर्धात्मक हो गई हैं
पीठ ने कहा- हममें से अधिकतर कोचिंग संस्थानों को पसंद करना नहीं चाहेंगे। आजकल परीक्षाएं इतनी प्रतिस्पर्धात्मक हो गई हैं और माता-पिता बच्चों से इतनी ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं कि बच्चे उन पर खरा नहीं उतर पाते। प्रतियोगी परीक्षाओं में बच्चे आधे अंक या एक अंक से असफल हो जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सलाह
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी कि याचिकाकर्ता राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। क्योंकि जिन मामलों का जिक्र किया गया है वो अधिकतर कोटा से ही जुड़े हुए हैं। वैसे कोटा में आत्महत्या एक बड़ी चुनौती बन गई है। आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं।
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