उदयपुर से नर्सिंग कर रही निशा ने कहा कि, दिव्या के साथ पहली बार रैगिंग हुई, लेकिन उसने किसी को नहीं बताया। कॉलेज प्रशासन पर रैगिंग की बात छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि, हॉस्टल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। छह मंजिला हॉस्टल में केवल दो सीसीटीवी कैमरे हैं, जो बंद थे। पुलिस ने रविवार को शव का पोस्टमार्टम करवाके परिजन के सुपुर्द कर दिया।
सुसाइड नोट पर सवाल
पाली के नारलाई निवासी दिव्या के पिता खंगाराम मेघवाल व बहन निशा ने सुसाइड नोट पर संदेह जताया है। उनका कहना है कि, दिव्या की मां हीरा देवी सरकारी स्कूल में हिंदी की शिक्षिका है। बेटी दिव्या अंग्रेजी की बजाय हिंदी में बहुत अच्छी थी और सुसाइड नोट में अशुद्धियां हैं, राइटिंग भी उसकी नहीं है। निशा ने कहा कि, नर्सिंग में पढ़ाया गया है कि इतनी ऊंचाई (छठी मंजिल) से कोई गिरता है तो उसका सिर फट जाता है। लेकिन यहां सड़क पर मामूली खून मिला। छत पर दिव्या की चप्पल ऐसे खुली मिली, जैसे उनको किसी ने रखा है।
सुसाइड नोट
दिव्या के पास मिले सुसाइड नोट में सबसे ऊपर लैपटॉप का पासवर्ड लिखा है, फिर लिखा है… गलती मेरी है, मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। लोग है यहां मेरी बातें सुनने को मैं बता ही नहीं सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में थी या नींद में। अब बचपन तो वापस आ नहीं सकता तो मैं हमेशा की नींद में जा रही हूं। मौत के बाद क्या होता है नहीं पता पर शायद शान्ति तो होती ही होगी। आज जिंदगी का सौदा उस शायद के नाम। निशा हो सके तो माफ कर देना। मम्मी-पापा और निशा एक दूसरे का ख्याल रखना। सबको सॉरी।इंस्टीट्यूट प्रशासन ने नहीं दी जानकारी
निशा ने बताया कि, रविवार रात 9:19 बजे उसने दिव्या से बात की थी। इसके बाद 10:06 बजे रूममेट ने फोन कर दिव्या के गिरने की सूचना दी। वार्डन से संपर्क किया, लेकिन उसे जानकारी नहीं थी। केयरटेकर से बात की तो उसने सीधे बोला कि दिव्या मर गई। वार्डन और केयरटेकर ने सही जानकारी नहीं दी और घटना की सूचना माता-पिता को देने की जहमत तक नहीं उठाई।दिव्या पर पढ़ाई का नहीं था दबाव
मां हीरा देवी ने बताया कि दिव्या को बचपन में चक्कर आते थे, उसे स्कूल भेजने में डर लगाता था। लेकिन उसने मेहनत से एमएनआइटी में दाखिला लिया। पढ़ाई का कोई दबाव उस पर नहीं था। दिव्या के परिजन और गांव से आए पुनीत सिरवी, मदनपुरी सहित अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि पहले तो एमएनआइटी में उन्हें जाने नहीं दिया गया। मशक्कत के बाद अंदर गए तो घटना पर संदेह हुआ। मीडिया को बुलाने के लिए संपर्क किया। तब एमएनआइटी प्रशासन और एक पुलिसकर्मी ने मीडिया को बुलाने पर बाहर निकालने की धमकी दी। यह भी पढ़ें
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एमएनआइटी का बयान
एमएनआइटी,जयपुर की ओर से कहा गया कि वह अपने छात्रों की मानसिक और शारीरिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। रैगिंग जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।सुसाइड नोट की एफएसएल जांच करवाई
छात्रा छठी मंजिल से कूदी तो पैरों के बल नीचे गिरी, जिससे पैरों में चोट है। एफएसएल टीम ने घटना स्थल का मुआयना किया है। सुसाइड नोट की एफएसएल जांच करवाई जाएगी। छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकलवाई जा रही है ताकि पता चल सके कि उसकी बात किस-किस से हुई थी।-संग्राम सिंह, थानाधिकारी, मालवीय नगर