माचरा ने बताया कि सीएम से मांग की गई है कि प्रदेश मे खेल संगठन जो भारत सरकार से मान्यता प्राप्त व राज्य क्रीडा परिषद से सम्बद्ध है। किंतु भारतीय ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध नही है। उनको प्रदेश मे मिलने वाले 2% आरक्षण कोटे से वर्ष 2020 से पिछली कांग्रेस सरकार ने वंचित कर दिया है। जबकि पूर्व वसुंधरा सरकार दे रही थी। इन खेलों को भारत सरकार खेल मंत्रालय अनुदान सहित,केन्द्रीय सर्विसेज मे सभी सुविधाएं दे रही है, फिर भी राज्य सरकार सुविधाओं से वंचित कर रही है।
राज्य खेल संघ के सरंक्षक उपाध्याय ने बताया कि इन खेलो के खिलाडी जो पन्द्रह से बीस वर्षों से अभ्यास रत रहते हुए अपने कौशल का प्रदर्शन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते आ रहे है तो इनके भविष्य पर आखिर ये कुठाराघात हुआ है। पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई एक तरफा गलत खेल नीति को पुन संशोधित करना चाहिए।
डॉ माचरा ने बताया कि पूर्व में कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक में लाखों रुपये खर्च किए। उसमे शूटिंगबॉल , टेनिस बॉल सहित कई खेल थे। दूसरी तरफ इन्ही खेलो को 2 प्रतिशत खेल कोटे से बाहर कर दिया। ये दोहरी नीति थी जिनसे खिलाड़ियों को कोई फायदा नही हुआ।
सचिव शोकत अली ने बताया कि हमे पूरा भरोसा है की इन करीब पच्चीस खेल संघो के प्रदेश के खिलाडियों को न्याय अवश्य मिलेगा। अन्यथा खिलाडियों को खेल छोडकर उनके संगठन पदाधिकारियों को मजबूरन खिलाड़ियों के साथ धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।