सरगना पोरव कालेर ने विदेश से कैमरा मंगाने के बाद दिल्ली से हिडन आई शॉप से नकल कराने के लिए 7.50 लाख रुपए में 50 डिवाइस (ब्लूटूथ) खरीदे। डिवाइस एक खास मोबाइल कंपनी से बनवाते थे। डिवाइस के साथ इयरफोन (मक्खी) उपलब्ध करवाता। खास कंपनी के मोबाइल में कॉपर वायर का लूप तैयार कर ऑटो रिसीव कॉल मोड ऑन होता है। कैमरे की खासियत थी कि उसके सामने पेपर आने पर ऑटोमैटिक स्कैन करके 180 किलोमीटर से भी अधिक दूर बीकानेर से सालासर में सरगना पोरव कालेर के मोबाइल पर भेज दिया।
इससे पहले कैमरे में एक ड्रॉपबॉक्स एप्लीकेशन पहले से ही इंस्टॉल थी। डिवाइस में मैमोरी बैकअप नहीं था। ड्रॉपबॉक्स एप्लीकेशन के जरिए उसमें सेव किया जाने वाला डेटा सीधे ही ड्रॉपबॉक्स के सर्वर पर सेव होता था। गिरोह ने कई बार फोटो खींचने का अभ्यास किया, ताकि परीक्षा में पेपर की फोटो लेते समय कोई परेशानी न हो।
पेपर हल करने के लिए टीम तैयार
सरगना ने पेपर में आए जीके के पार्ट को खुद हल किया और हिंदी का पेपर गंगानगर निवासी जनरेल सिंह व अंग्रेजी का पेपर बीकानेर निवासी देवेन्द्र सिंह से हल करवाया। प्रश्नों के उत्तर मिलने के बाद सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केन्द्रों पर बैठे अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ से पेपर हल करवाया।ऐसे पहुंचा पेपर और हल करवाया
12 मार्च 2023 व 19 मार्च 2023 को परीक्षा केन्द्र पर पेपर बंटते ही बीकानेर सेंटर से अभ्यर्थी ने कैमरे से स्कैन किया और ऑटोमैटिक डिवाईस के जरिए पेपर सालासार में पोरव कालेर के मोबाइल पर पहुंचा, फिर सालासर में गाड़ी में 15 से 20 मोबाइल सैट लगाकर एक साथ चिह्नित सभी अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के जरिए पेपर हल करवाया। यह भी पढ़ें
दोस्त के कमरे पर मंगवाया पेपर, 5-5 लाख रुपए में बेचा; गर्लफ्रेंड को भी दिया
पेमेंट के सबूत मिले
नकल के लिए विदेश से कैमरा मंगाने के लिए ऑनलाइन पैमेंट किए जाने के सबूत मिले हैं। अब एसओजी-एटीएस ऐसे कैमरे मंगाने वालों पर भी नजर रख रही है।-वीके सिंह, एडीजी एटीएस-एसओजी