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Social media: सोशल मीडिया को अपनानी होगी स्वैच्छिक आचार संहिता

सोशल मीडिया ( social media ) पर आगामी चुनावों ( elections ) से संबंधित चर्चा को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम उठाते हुए कू एप ने स्वैच्छिक आचार संहिता को अपनाया है। पहली बार 2019 आम चुनाव से पहले इंटरनेट एड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( Mobile Association of India ) द्वारा निर्मित स्वैश्चिक आचार संहिता ( Election Commission ) भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत की गई थी।

जयपुरJan 14, 2022 / 11:57 am

Narendra Singh Solanki

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सोशल मीडिया ( social media ) पर आगामी चुनावों ( elections ) से संबंधित चर्चा को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम उठाते हुए कू एप ने स्वैच्छिक आचार संहिता को अपनाया है। पहली बार 2019 आम चुनाव से पहले इंटरनेट एड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( Mobile Association of India ) द्वारा निर्मित स्वैश्चिक आचार संहिता ( Election Commission ) भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत की गई थी। यह आचार संहिता चुनावों के दौरान मीडिया के निष्पक्ष और नैतिक इस्तेमाल के लिए है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी और मार्च 2022 के बीच होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आचार संहिता को अपनाकर कू एप यूजर्स को एक जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देता है।
भारतीयों को अपनी मातृभाषा में खुद को अभिव्यक्ति का अधिकार देने वाला मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म चुनावी आधार संहिता के किसी भी उत्पन्न को सीमित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेगा। कू एप यूजर्स को सूचित और शिक्षित करने के साथ ही चुनावी कानूनों और कार्यप्रणाली में उनका भरोसा बढ़ाएगा।
एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच के रूप में कू एप के पास एक विशेषरूप से निर्मित शिकायत निवारण प्रकोष्ठ है, जो निर्धारित समय में समाधान की सुविधा प्रदान करता है, यूजर्स को अपमानजनक और द्वेषपूर्ण सामग्री से बचाता है और जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देता है। यूजर्स को 10 भाषाओं में विचार पेश करने में सक्षम बनाने वाला यह बहुभाषी मंच इस अनुपालन नीति को लागू करने वाला पहला भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था और नियमित रूप से प्रचलित नियामक दिशानिर्देशों के मुताबिक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ नियमों के तहत असंगत सामग्री को सक्रिय रूप से नियंत्रित करता है।
इस संबंध में कू एप के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा किआज, सोशल मीडिया लोगों के जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लोगों को चुनावी प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें फैसला लेने में प्रभावित करने में सहायक हो सकता है। एक निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में कू एप आईएएमएआई द्वारा बनाई गई स्वैच्छिक आचार संहिता के शब्दों और भावना के प्रति समर्पित है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में काम करेगा, जो किसी भी लोकतंत्र की पहचान है। इस वर्ग में हमारा सर्वोत्तम अनुपालन और शिकायत निवारण तंत्र यूजर्स को अपने विचार व्यक्त करने और अपनी पसंद की भाषा में अपने समुदायों से जुडऩे के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण प्रदान करेगा। कू एप हमारे यूजर्स को एक सुरक्षित और भाषा का व्यापक अनुभव प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और व्यावहारिक समाधानों की पहचान करने की कोशिश करता है।

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