आगरा रोड पर 150 से अधिक कॉलोनियां हैं। इनमें एक लाख से अधिक की आबादी रहती है। इनमें से ज्यादातर कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां पार्क की सुविधा नहीं है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट इन लोगों के लिए किसी ऑक्सीजोन से कम नहीं होगा। यहां जो पौधे लगाए गए हैं, इनकी देखरेख वन विभाग वर्ष 2029 तक करेगा।
वन क्षेत्र को रखा जस का तसखास बात यह है कि जेडीए ने यहां घूमने फिरने के लिहाज से सुविधाएं विकसित की हैं। लेकिन, वन क्षेत्र को जस का तस रखा है। यही वजह है कि यहां पर पेड़ पौधे खूब हैं। पचास हजार नए पौधे भी परियोजना में लगाए गए हैं। वन क्षेत्र में रहने वाले जानवरों के लिए तालाब भी विकसित किए हैं।
खास-खास
-3.63 करोड़ रुपए जेडीए ने वानिकी कार्यों पर किए हैं खर्च
-3.97 करोड़ रुपए से सिविल कार्य करवाए हैं जेडीए ने वन क्षेत्र में
सिल्वन जैव विविधता वन में विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। सेंट्रल पार्क की तर्ज पर इनको विकसित किया है। वानिकी और सिविल वर्क जेडीए की ओर से कराया गया है।
-सुदीप कौर, वन संरक्षक, जेडीए
ये काम किएदो चरणों में जेडीए ने यहां बाउंड्रीवाल बनाने से लेकर अन्य विकास कार्य करवाए। तीसरे चरण में 13 किमी का निरीक्षणपथ, जल वितरण के लिए 10 किमी की पाइप लाइन, दो पोखर, वुडन बैंच, डस्टबिन आदि का काम किया गया है।
ग्रीनरी बढ़ाने पर जोर
एक तरफ वन क्षेत्र को बचाकर रखा गया है। वहीं दूसरी ओर 10 हजार ऐसे पौधे लगाए हैं, जो पेड़ बनेंगे। इसके अलावा 10 हजार झाडिय़ां, तीन हजार बेल के पौधे और 20 हजार औषधीय पौधे लगाए गए हैं। बच्चों के खेलने के लिए 0.5 हैक्टेयर को घास क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है।
ये भी शहर के ऑक्सीजोन
-सेंट्रल पार्क: 75 एकड़ में शहर के बीचों बीच यह पार्क है। सुबह सर्वाधिक लोग यहां घूमने आते हैं। पिछले चार पांच वर्षों में यहां पौधारोपण भी खूब हुआ है। यहां प्रतिदिन आठ से दस हजार लोग सैर करने के लिए आते हैं।
-सिटी पार्क: 52 एकड़ में इसे विकसित किया गया है। मानसरोवर जैसी घनी आबादी के बीच बड़ा पार्क एक ऑक्सीजोन का काम कर रहा है। कुछ ही महीने में यह घूमने फिरने के लिहाज से हॉट डेस्टिनेशन बन गया है। 10 से 12 हजार लोग यहां रोज आते हैं।-जवाहर सर्कल: 32 एकड़ में इस पार्क को विकसित किया गया है। यहां प्रतिदिन चार हजार से पांच हजार लोग आते हैं।