गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया गया था और साल 2021 में यह परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में करीब ढाई लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे और उनमें से आठ सौ पचास अभ्यर्थियों को चुना गया था। उसके बाद उनकी ट्रेनिंग शुरू की गई जो फिलहाल राजस्थान पुलिस अकादमी में जारी है। लेकिन इस बीच पेपर लीक कांड का खुलासा हुआ और एसओजी ने जांच शुरू कर दी। अब तक करीब पचास ट्रेनी एसआई पकड़े जा चुके हैं। अरेस्ट होने के डर से करीब एक दर्जन से ज्यादा फरार हैं और करीब पचास ट्रेनी एसआई छुट्टी पर चल रहे हैं। वे भी एसओजी की राडार हैं। यह पहली ऐसी भर्ती परीक्षा है जिसमें परीक्षा का टॉपर यानी जिसने पहला स्थान हासिल किया उसे ही अरेस्ट कर लिया गया। टॉप दस में से सात पकड़े जा चुके हैं।
इस भर्ती परीक्षा को लेकर प्रतियोगियों को का एक बड़ा समूह चाहता है कि यह परीक्षा रद्द हो। इसे लेकर शुक्रवार और शनिवार को मिनिस्टर किरोड़ी लाल मीणा से मिले हैं। उनका कहना है कि इस परीक्षा में नकल के बड़े सबूत एसओजी को मिले हैं तो इस परीक्षा को रद्द करना चाहिए और सरकार को जल्द से जल्द ज्यादा पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए। इस मामले में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने उचित कार्रवाई का आश्सावन दिया है।
दूसरा पक्ष चाहता है सिर्फ चीटिंग करने वाले पकड़े जाएं, रद्द ना हो परीक्षा… आज शांतिपूर्ण धरना
उधर इस भर्ती से जुड़े कई युवा और उनके परिवार के सदस्यों ने परीक्षा को रद्द नहीं किए जाने और परीक्षा में नकल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने को लेकर आज प्रोटेस्ट किया हैं। आज ये युवा और उनके परिवार के सदस्य शहीद स्मारक पर जमा हुए हैं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर यह परीक्षा रद्द होती है तो उन युवाओं और उनके परिवार को काफी ठेस पहुंचेगा जो ये परीक्षा पास कर चुके हैं और आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे हैं। ये लोग भी मिनिस्टर किरोडी लाल मीणा से मिले हैं और अपना पक्ष रखा है।
उधर इस पूरे मामले को लेकर विधी मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि परीक्षा का भविष्य जल्द ही तय हो जाएगा। इसे लेकर कमेटी का गठन किया जा चुका है जो दो बैठक कर चुकी है। इन दोनो बैठक की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है और अब सोमवार या मंगलवार तक सरकार अपना फैसला सुना सकती है।